Alwar Hanuman Mandir: राजस्थान में कई मंदिर है, जिनकी मान्यता को लेकर लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है। राजस्थान में मौजूद सभी मंदिरों की अपनी एक अलग पहचान और विशेषताएं है। जिसकी वजह से मंदिरों के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इसके साथ ही इन मंदिरों को बनाए जाने के पीछे भी कई रहस्यमयी कहानी मौजूद है। इन कहानियों और मान्यताओं के चलते लोगों की भीड़ अक्सर इन मंदिरों में दर्शन करने आते हैं।
पांडुपोल मंदिर
राजस्थान के अलवर जिले के सरिस्का में स्थित इस मंदिर ने देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई हुई है। जिसकी वजह से ही इस मंदिर को जाना जाता है, इस मंदिर के बारे में कहा जाता है ये वही जगह है, जहां पर पांडवों ने अपना अज्ञातवास बिताया था। इस जगह का नाम पांडुपोल इसलिए पड़ा क्योंकि पांडव पुत्र भीम ने अपनी गदा से प्रहार किया, जिससे पहाड़ में छेद निकल गया। जिस दरवाजे को भीम ने बनाया, उसे ही आज पांडुपोल के नाम से जाना जाता है।
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रामायणी हनुमान मंदिर
अलवर में मौजूद रामायणी हनुमान मंदिर को इसकी ये खासियत बाकी मंदिरों से अलग बनाती है। बता दें कि इस मंदिर में हनुमान जी को चोला नहीं चढ़ाया जाता है, बल्कि श्रृंगार किया जाता हैं। वहीं इस मंदिर को रेत के टीले पर बनाया गया है और इस मंदिर को लेकर लोगों की अटूट आस्था जुड़ी ही है।
चक्रधारी हनुमान मंदिर
अलवर के बाला किला क्षेत्र के पास चक्रधारी मंदिर स्थित है। इस मंदिर में चेतन प्रतिमा विराजमान है, जो 800 साल पहले स्थापित की गयी थी। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा के हाथ में सुदर्शन चक्र है, जिस वजह से इस मंदिर का नाम चक्रधारी के नाम से जाना जाता है।
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