rajasthanone Logo
Sikar Master Plan 2041: राजस्थान के सीकर में मास्टर प्लान का मसौदा जारी कर दिया गया है। आज हम आपको बताएंगे कि क्या है यह मास्टर प्लान और क्यों हो रहा है इसका विरोध।

Master Plan Of Sikar 2041: सालों की प्रतीक्षा के बाद अब सीकर के मास्टर प्लान का मसौदा अधिकारी तौर पर जारी कर दिया गया है। इस योजना को संगठित शहरी विकास पर विस्तार की दिशा में एक साहसिक कदम माना जा रहा है। लेकिन इसी बीच इसकी जमकर आलोचना और विरोध भी हो रहा है। आइए जानते हैं क्या है यह मास्टर प्लान और क्या हैं इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव।

ट्रांसपोर्ट नगर और बस टर्मिनल विस्तार 

इसके मसौदे की एक महत्वपूर्ण विशेषता एक समर्पित ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना है। इस दासा की ढाणी और धोद रोड पर विकसित किया जाएगा। आपको बता दें कि इसका लक्ष्य लॉजिस्टिक्स संचालक को केंद्रित करना है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि प्लान में मौजूद केंद्रीय बस स्टैंड पर भीड़ भाड़ कम करने के लिए नए बस टर्मिनल बनाने का भी प्रस्ताव है। इन टर्मिनल को शोभा सरिया कॉलेज के पास जयपुर रोड, झुंझुनू बायपास और बीकानेर बाईपास पर बनाया जाएगा। 

पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा 

आपको बता दें कि सीकर को पर्यटन स्थल के रूप में बनाने के लिए देवगढ़ किले और हर्ष रोड के किनारे पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए भूमि को चिन्हित कर लिया गया है। इतना ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य सेवा के मोर्चे पर सरकारी चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए सालासर रोड और हर्ष रोड पर नई भूमिका आवंटन भी शामिल है। 

एक नया खेल स्टेडियम 

आपको बता दें कि शारीरिक फिटनेस को और भी बढ़ावा देने के लिए दादरी गांव में एक खेल स्टेडियम भी बनाया जा रहा है। इस स्टेडियम की मदद से स्थानीय एथलीट को नए अवसर मिलेंगे और साथ ही खेल आयोजनों के लिए यह एक आधुनिक स्थल के रूप में भी काम करेगा।

क्यों हो रहा जन आक्रोश 

दरअसल इन महत्वाकांक्षी प्रस्ताव के बावजूद भी इस मास्टर प्लान के मसौदे ने व्यापक आक्रोश को पैदा कर दिया है। किसान समूह, स्थानीय व्यापारी और जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों पर पक्षपात पूर्ण योजना को तैयार करने के आरोप लगाए हैं। आपको बता दें कि ऐसा कहा जा रहा है कि विशेष रूप से हरदासपुरा, गढ़, दादली और करसदा जैसे आसपास के गांव को बिना किसी स्पष्ट कारण के शहरी सीमा में शामिल किया जा रहा है। निवासियों का यंत्र काहे की इन क्षेत्रों में बुनियादी शहरी बुनियादी ढांचे का अभाव है। अगर इन्हें शहरी सीमा में शामिल किया जा रहा है तो लाभ के बजाय केवल नियामक बोझ और नागरिक जटिलताएं ही बढ़ेंगी। 

इसमें एक खास विरोध किसान संगठनों की ओर से भी है। किसानों को भूमि मूल्यांकन और मुआवजा व्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का डर है। दर्शन नाम मास्टर प्लान के तहत भूमि उपयोग के निर्धारण में बदलाव होने के साथ भूस्वामी जबरन अधिग्रहण, कम मुआवजे और बढ़ते मुकदमा को लेकर चिंतित है।

 यह भी पढ़ें...Thar Jira GI Tag: किसानों के लिए खुशखबरी, थार जिरा को मिला जीआइ टैग, जानें कैसे मिलेगा इससे फायदा

 

 

5379487