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Agriculture Tips : खेती को करने के लिए मिट्टी के अनुसार फसलों का चयन किया जाता है। इसमें रासायनिक और जैविक खाद्य दोनों का उपयोग किया जाता है। जिस मिट्टी उपजाऊ होती है और सब्जियों की फसल भी अच्छी होती है।

Agriculture Tips : पैसे कमाने के तो कई जरिये होते हैं । कोई नौकरी करके कमाता है, तो कोई व्यापार करके। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो स्थायी नौकरी छोड़कर खेती किसानी जैसे काम में हाथ आजमाते हैं और सफलता मिलती है। ऐसी ही राजस्थान के सिरोही जिले के तहसीलदार रह चुके शख्स ने जिन्होंने नौकरी छोड़ 40 बीघा जमीन पर सब्जियों की खेती शुरू की और आज बंपर मुनाफा कमा रहे हैं। आईए जानते हैं इनके खेती करने के तरीके को...

40 बीघा में सब्जियों की खेती 

आपको बता दें कि कृषक ने अपने खेती-बाड़ी को आगे बढ़ाने के लिए आधुनिक तरीके का इस्तेमाल किया। जिस कारण से उनकी मेहनत सफल हो पाई है। 40 बीघा की खेती में तुरई, खीरा ककड़ी, करेला, टिंसी, लौकी, मिर्च, गेंदे के फूल और टमाटर की खेती कर रहे हैं। 

खेती से हो रही है लाखों की कमाई 

खेती को करने के लिए मिट्टी के अनुसार फसलों का चयन किया जाता है। इसमें रासायनिक और जैविक खाद्य दोनों का उपयोग किया जाता है। जिस मिट्टी उपजाऊ होती है और सब्जियों की फसल भी अच्छी होती है। सिरोही जिले के इस कृषक ने खेती की शुरुआत जून के महीने से की है। और अब तक 3 लाख रुपए से ज्यादा का फायदा कमा चुके हैं। 

हैंगिंग तकनीक से सब्जियों के उत्पादन में बढ़ोतरी 

अगर इस किसान की खेती करने के तरीके की बात करें तो खेती में ड्रिप सिस्टम लगाने के अलावा मल्चिंग और हैंगिंग यानी मचान का प्रयोग करते हैं। ड्रिप सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह है की फसल तक पर्याप्त पानी पहुंच जाता है। मल्चिंग मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाए रखने का कार्य करता है। जबकि मचान का इस्तेमाल करते हुए किसान से लौकी, तुरई, करेले समेत कई सब्जियों की खेती इस तकनीक से शुरू की है। रोजाना करीब 2000 किलोग्राम सब्जियों का प्रोडक्शन होता है।

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