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Rajasthan Jain Temple: आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं रणकपुर के जैन मंदिर के बारे में। आईए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े हुए कुछ मुख्य तथ्य।

Rajasthan Jain Temple: अरावली पहाड़ियों में बसा रणकपुर का जैन मंदिर पर्यटकों के बीच काफी प्रचलित है। यह मंदिर पाली जिले के सादरी कस्बे के रणकपुर गांव में स्थित है। आज हम जानेंगे इस मंदिर से जुड़े हुए कुछ तथ्यों के बारे में। 

एक पवित्र तीर्थ स्थल 

यह मंदिर जोधपुर और उदयपुर के बीच में स्थित है। इस मंदिर के चारों तरफ भारी-भारी घाटियां लुढ़कती हुई पहाड़ियां बनी हुई है। यह मंदिर काफी शांत और आध्यात्मिक माहौल को बनाए रखता है। इस मंदिर को जैन धर्म के पांच प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर ऋषभनाथ को समर्पित है। दरअसल ऋषभनाथ 24 जैन तीर्थंकरों में से पहले थे। पर्युषण के दौरान यहां पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। 

दिव्या दृष्टि से निर्मित 

ऐसा कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में धारणा शाह नामक एक स्थानीय जैन व्यवसायी को  दिव्य दृष्टि मिली थी। इसके बाद उसने यहां पर मंदिर बनवाया था। इस कार्य में सहयोग मेवाड़ के तत्कालीन शासक राणा कुंभा ने किया था।  यह मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है।
इस मंदिर को चौमुखा जैन मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इसका कारण है इसका चार मुखी डिजाइन। यह मंदिर पूर्ण रूप से सफेद संगमरमर से बना है। इस मंदिर की खास बात यहां के 1444 जटिल नक्काशीदार संगमरमर के खंबे है। साथ ही यह खंबे एक जैसे बिल्कुल भी नजर नहीं आते। इस मंदिर में देवी देवताओं, दिव्या प्राणियों और पुराणिक दृश्य के शानदार रूपांकन किए गए हैं। इस मंदिर का लेआउट मिरापुर के जैन मंदिर से प्रेरित है।

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