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Illegal Borewell Penalty: अब राज्य में कोई भी कमर्शियल, मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग या इंडस्ट्री बिना अनुमति के ट्यूबवेल नहीं खोद सकेगी। आइए जानते हैं पूरी खबर।

Illegal Borewell Penalty: राजस्थान में भूमिगत जल दोहन पर नियंत्रण के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। अब राज्य में कोई भी कमर्शियल, मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग या इंडस्ट्री बिना अनुमति के ट्यूबवेल नहीं खोद सकेगी। इसके लिए राज्यपाल द्वारा राजस्थान भू-जल प्राधिकरण विधेयक’ को मंजूरी दे दी गई है। बिना अनुमति के ट्यूबवेल खोदने वालों पर अब जुर्माना लगेगा साथ ही जेल भी होगी।

राजस्थान भूजल प्राधिकरण का गठन किया गया है

वहीं भजन दोहन के नियमों की पहली बार अवहेलना पर ₹50000 का और दोबारा अहेलना पर 6 महीने की जेल और एक लाख का जुर्माना होगा। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने भूजल प्राधिकरण विधेयक को मंजूरी दे दी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब राज्य में भूजल दोहन पर निगरानी के लिए राजस्थान भूजल प्राधिकरण का गठन किया गया है। हालांकि लोक हित यानी कृषि व घरेलू पानी के लिए ट्यूबवेल खोदने और पानी निकालने के लिए लाइसेंस और एनजीओ की जरूरत नहीं होगी।

हर जिले में मॉनिटरिंग कमेटी रहेगी

वहीं प्राधिकरण में दो विधायकों सहित 11 सदस्य रहेंगे। प्राधिकरण भूजल के सभी उपयोग के लिए एक टैरिफ की सिफारिश करेगा। हर जिले में मॉनिटरिंग कमेटी रहेगी। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि अब जितना भी पानी भूमिगत स्रोतों से निकाला जाएगा उसका शुल्क देना जरूरी होगा।

जितना पानी यूज किया जाएगा, उसके अनुपात में भुगतान करना होगा

केंद्रीय भूजल प्राधिकरण के गाइडलाइंस के मुताबिक राज्य सरकार ने यह व्यवस्था की है कि होटल, अस्पताल, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को भूमिगत जल दोहन की पूर्व अनुमति लेनी होगी साथ जितना पानी यूज किया जाएगा, उसके अनुपात में भुगतान करना होगा। इसके साथ ही प्राधिकरण ही ट्यूबवेल खोदने के लाइसेंस से लेकर बोरिंग खोदने वाली रिंग मशीन का रजिस्ट्रेशन करेगा।

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ऐसे में राज्य सरकार का कहना है कि यह कानून जल संरक्षण की दिशा में एक बहुत ही अहम कदम साबित होगा। इसके माध्यम से पानी की बर्बादी में रोक तो लगेगी ही, साथ ही जलस्तर सुधारने में भी मदद मिलेगी।

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