Rules Of Real Estate: काले धन पर अंकुश लगाने के लिए वित्त विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। दरअसल वित्त विभाग ने संपत्ति के खरीद और बिक्री में नगद लेनदेन को सीमित करने के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन नए निर्देशों के अनुसार आयकर अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक संपत्ति पंजीकरण के दौरान 2 लाख से अधिक का नगद भुगतान अब नहीं किया जाएगा।
रियल एस्टेट में काले धन पर नकेल
इस नए आदेश को राज्य भर के सभी रजिस्ट्री कार्यालयों में प्रसारित कर दिया गया है। आदेश में साफ रूप से कहा गया है कि 2 लाख की नगद सीमा का कोई भी उल्लंघन आयकर अधिनियम के तहत एक बड़ा अपराध माना जाएगा। इस पहल का उद्देश्य रियल एस्टेट सौदों के माध्यम से प्रसारित होने वाले काले धन के लंबे समय से चले आ रहे हैं मुद्दे पर लगाम लगाना है।
आपको बता दें कि संपत्ति हस्तांतरण में काला धन और बिना लिमिट का लेनदेन काफी बड़ी चिंता का विषय रहा है। इसी वजह से हमेशा कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। कानूनी और कर दायित्व दरकिनार होते आए हैं। अब इस लेन देन की सीमा पर लगाम लगाकर राज्य का लक्ष्य अपनी संपत्ति पंजीकरण प्रणाली को राष्ट्रीय वित्तीय पारदर्शिता मानकों के साथ जोड़ना है।
रजिस्ट्री कार्यालय पर कड़ी निगरानी
रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारी अनुमत सीमा से अधिक किसी भी नकद लेन देन की निगरानी और साथ ही इस कार्य की रिपोर्ट करने के जिम्मेदार होंगे। यदि कोई भी इस तरह का लेनदेन पाया जाता है और उसकी रिपोर्ट नहीं की जाती है तो आयकर प्रावधानों के तहत अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।