Aravalli Hills: बात राजस्थान राज्य की हो और जलवायु का विषय हो तो सबके जहन में सिर्फ एक ही बात आती है, वह है राजस्थान का थार रेगिस्तान। लेकिन ऐसा नहीं है कि राजस्थान की जलवायु सिर्फ रेतीले और शुष्क वातावरण के लिए ही जानी जाती है, बल्कि राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा अरावली की पहाड़ियों के पूर्वी दिशा में मौजूद है, जो कि अपने हरे-भरे और खेतीयुक्त जलवायु के लिए जाना जाता है। लेकिन ऐसा क्यों है कि राजस्थान की जलवायु दो भागों में बंट जाती है? आइए जानते हैं।
उत्तर-पूर्वी जिलों की जलवायु
अरावली पर्वत के पूर्वी छोर पर स्थित क्षेत्र जैसे जयपुर, अलवर, दोसा और सीकर, पश्चिम जिलों के मुकाबले अधिक नम और उष्णकटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्र हैं। यहां पर वर्षा का स्तर अधिक होता है और यह क्षेत्र राज्य के बाकी हिस्सों के मुकाबले अधिक हरा-भरा होता है। हालांकि राजस्थान की जलवायु के शुष्क होने के कारण गर्मी के महीनों में यहां भी अत्यधिक गर्मी होती है, लेकिन मानसून के समय इन क्षेत्रों का मौसम बेहतर हो जाता है।
दक्षिण-पश्चिमी जिलों की जलवायु
राजस्थान का दक्षिणी-पश्चिमी भाग अपेक्षाकृत अधिक गर्म और शुष्क होता है। दक्षिणी-पश्चिमी भाग में जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर जैसे जिले आते हैं, जहां की धरती बहुत अधिक रेतीली है और वर्षा भी बहुत कम होती है। गर्मी के दिनों में यहां का तापमान लगभग 45 से 47 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच जाता है, जो यहां की जीवन को बहुत अधिक मुश्किल बना देता है। सर्दियों में भी यहां की स्थिति बहुत बेहतर नहीं होती, ठंड के समय यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। लेकिन कुल मिलाकर यहां की जलवायु शुष्क ही रहती है।
अरावली पहाड़ियों की उपयोगिता
अरावली की पहाड़ियां राजस्थान की जलवायु को बहुत हद तक प्रभावित करती है। इन पहाड़ियों की उपस्थिति के कारण राजस्थान के तापमान में संतुलन बना रहता है, साथ ही साथ यह पहाड़ियां मानसूनी हवाओं को भी नियंत्रित करती है। जहां अरावली के पश्चिमी हिस्से में स्थित रेगिस्तानी क्षेत्र में इसकी उपस्थिति के कारण मानसूनी हवा नहीं पहुंचती और बारिश न के बराबर होती है, वहीं पूर्वी क्षेत्र में भरपूर बारिश होती है, जिसके कारण पूर्वी क्षेत्र अधिक हरा-भरा रहता है।
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