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Dowry Case Rajasthan: राजस्थान के युवा ने यूपीएससी की तैयारी छोड़कर चाय बेचना शुरू किया। इसका कारण है कि पत्नी ने उस पर दहेज प्रताड़ना और खर्चे का केस दर्ज कराया है। जिसके बाद उसने '498ए टी कैफे' नाम से चाय की टपरी खोली।

KK Dhakad Rajasthan: राजस्थान के बारां जिले से अतरंगी घटना सामने आई है। जिले में एक अनोखी चाय की टपरी आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसका नाम "498ए टी कैफे" है। यह खबर इसलिए खास है क्योंकि इसको चलने वाले धाकड़ उर्फ केके, अपने हाथों में हथकड़ी पहनकर चाय बेचते और बनाते हैं। साथ ही केके ने अपनी चाय की टपरी पर होर्डिंग लगाया है, उसपर लिखा भी हुआ है "जब तक नहीं मिलता न्याय, तब तक उबलती रहेगी चाय"। 

आखिर क्यों केके हथकड़ी पहनकर बेचता है चाय

केके अपनी शादी से पहले एक यूपीएससी एस्पिरेंट्स थे। उनका कहना है कि पत्नी ने मुझ पर दहेज का झूठा इल्जाम लगाया है, जिस कारण मुझे यूपीएससी की तैयारी छोड़नी पड़ी। इसलिए उनका यह शांतिपूर्ण विरोध कानूनी प्रताड़ना के खिलाफ है। उनका कहना है कि उनका यह चाय बेचना कोई कमाई करने की इच्छा नहीं है। चाय की टपरी पर महज केके की शादी का सहरा और वरमाला भी टंगी हुई है। उनकी दुकान का नाम भी इसलिए 498ए (दहेज प्रताड़ना) धारा के नाम पर है। केके पर उनकी पत्नी ने 498ए और 125 (खर्चे की मांग) धारा के तहत केस दर्ज कराया है। 

पत्नी का क्या कहना है

केके की पत्नी मीनाक्षी मालव का कहना है कि उनके पति ने उनके नाम पर लाखों रुपए का कर्ज लिया है। जब तक वो सारा कर्ज नहीं चुका देते, मैं उन्हें तलाक नहीं दूंगी। 

क्या है केके और मीनाक्षी मालव की कहानी

केके के अनुसार, वह अठाना क्षेत्र (नीमच जिला) के रहने वाले हैं। मीनाक्षी के साथ उनकी शादी 6 जुलाई 2018 में हुई थी। मीनाक्षी मालव अंता (राजस्थान) की रहने वाली हैं। दोनों ने शादी के बाद मधुमक्खी पालन का कारोबार शुरू किया था, जिसमें उन्होंने कईं महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया था। जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान (मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री) ने भी उनकी तारीफों के पुल बांधे थे। लेकिन मीनाक्षी अक्टूबर 2022 में केके को छोड़कर अपने घर वापस चली गई और केके के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। 

केके का कहना है कि उसकी पत्नी ने जब से उसके खिलाफ केस दर्ज कराया है, तब से वह कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहा है, लेकिन कोर्ट जाकर केवल तारीख पर तारीख मिलती है। उसकी मां उसके साथ ही रहती है इसलिए आत्महत्या का ख्याल भी मन से निकाल दिया है। उनके पास अब चाय बेचकर ही इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ना रह गया है।

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