Rajasthan Public Trust Ordinance: राजस्थान सरकार ने राजस्थान जन्म विश्वास अध्यादेश लागू कर दिया है। इस अध्यादेश के आने के बाद अब 11 ऐसे अपराधों से कारावास की सजा खत्म कर दी गई है, जिसमें पहले जेल हुआ करता था। इससे लोगों को काफी राहत मिलने वाली है। ऐसी गलतियों पर लोगों को महज जुर्माना भरकर छोड़ दिया जाएगा। राज्य सरकार ने शुक्रवार देर रात राजस्थान जैन विश्वास अध्यादेश की अधिसूचना जारी कर दी, जिसमें कारावास के दंड हटाकर पेनल्टी का प्रावधान रखा गया है।
मुकदमे के बोझ होंगे कम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान सरकार का ऐसा मानना है कि इस अध्यादेश के लागू होने के बाद आमजन और उद्यमियों को काफी राहत मिलेगी और ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को काफी मजबूती मिलेगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन प्रावधानों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि प्रशासनिक व्यवस्था भी सुचारू रूप से खुद बदलाव कर सके। संविधान में बड़े संशोधन के बाद न्यायालय पर बढ़ते मुकदमों के बोझ भी कम होंगे, क्योंकि छोटी-छोटी गलतियों के पर भी अपराधिक मामले दर्ज कर लिए जाते थे, जिसे अदालत में लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही थी।
इस अपराध से खत्म हुई जेल की सजा
एक उदाहरण के तौर पर समझें तो राजस्थान वन अधिनियम का एक कानून है, जिसके तहत अगर कोई किसान वन भूमि में मवेशी चराते पकड़ा जाता है तो उसे 6 महीने तक का कारावास या ₹500 तक का जुर्माना देना पड़ता था। लेकिन अब इस मामले में जेल की सजा को हटा दिया गया है और सिर्फ आर्थिक दंड ही रखा गया है। इसी तरीके से कुल 11 ऐसे अपराध हैं, जिससे कारावास का प्रावधान हटा दिया गया है।







