Annapurna Bhandar Rajasthan: 2015 में जब अन्नपुर्णा भंडार योजना को लागू करने के बाद भंडार खोले गए थे, तब यह योजना सफल नहीं हो पाई। जिसका कारण था, महंगे उत्पादों को जबरन बेचने के लिए भंडारों पर रखना। इसके बाद जब सरकारें बदली और राजस्थान में कांग्रेस सरकार आई, तब इस योजना को अशोक गहलोत ने अनुपयोगी कह कर बंद करा दिया था। परन्तु वर्तमान समय में मौजूद भजनलाल सरकार ने इस योजना को वापस लागू करने का फैसला किया है।
टोंक जिले में करीब 60 दुकानों पर यह भंडार खोले जाने की रूपरेखा तैयार की गई है। इस बार उपभोक्ताओं के मुताबिक उत्पाद रखें जाएंगे, जिसे लेकर पिछले दिनों जयपुर में एक बैठक भी रखी गई थी, जिसमें योजना के असफल होने और उस पर अपने सुझाव देने की बात रखी गई थी। अन्नपूर्णा भंडार योजना का उद्देश्य लोगों को उचित मूल्यों पर समान देना है। अब जल्द ही शहरवासियों को वापस से राशन की दुकानों पर साबुन और किराने की वस्तुएं मिलेंगी। अनुमान है कि प्रदेश भर में करीब 5000 दुकानों पर यह भंडार खोले जाएंगे।
राशन डीलर्स के लिए मुनाफा
राशन डीलर्स अभी तक दुकानों पर मिलने वाली सामग्री ही बेच रहे थे। लेकिन अब इस योजना के कारण दुकानों के खुलने से राशन डीलर्स को लाभ के तौर पर आय का अतिरिक्त स्रोत मिलेगा। हालांकि प्रोडक्ट्स की दरों पर ही सबकुछ निर्भर करेगा। जहां छोटे से छोटे शहर में मॉल संस्कृति अपने पैर पसार रही है और जहां बाजार के मुकाबले सस्ती कीमतों पर समान मिलता है। ऐसे में सरकार को गुणवत्तापूर्ण समान रखने और सस्ती दरों को जन अनुकूल बनाने पर फोकस करना होगा। रसद विभाग की तैयारी उपभोक्ताओ को शहर में उपस्थित कॉलोनियों में राशन की दुकानों पर किराने का सामान उपलब्ध कराने की है। इसके लिए जिले में 60 दुकानों को खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है।
लोग राशन कार्ड के बिना भी खरीदारी कर सकेंगे
अन्नपूर्णा भंडार पर से लोगों को सामान खरीदने में अब राशन कार्ड का इस्तेमाल करने की कलह से छुटकारा मिलेगा, अब उपभोक्ता बिना राशन कार्ड के भी समान आसानी से खरीद सकते हैं। दुकान पर कुल 10 उत्पाद बेचने के लिए रखे जाएंगे। जिसमें तेल, माचिस, आचार, बिस्किट, मसाले, साबुन, वॉशिंग पाउडर जैसी घरेलू चीजें शामिल होंगी।
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