Cyber Support Centre Rajasthan: राजस्थान में निजी कंपनी के सहयोग से 'साइबर सपोर्ट सेंटर'(Cyber Support Centre Rajasthan) खोला गया है। जयपुर पुलिस आयुक्तालय में प्रदेश के पहले साइबर सपोर्ट सेंटर का विधिवत उद्घाटन डीजीपी यू आर साहू ने किया। इस अवसर पर डीजी साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी और जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। साइबर सपोर्ट सेंटर का अवलोकन कर उसकी कार्यप्रणाली की जानकारी सभी लोगों को दी गई।
मुफ्त में होगी सहायता
पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने इस सेंटर के कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर की तरह काम करेगा। जो लोग साइबर फ्रॉड या साइबर क्राइम के शिकार हुए हैं उनकी सुनवाई करने के साथ - साथ यहां उनकी काउंसलिंग भी होगी। जिसके लिए इस सेंटर पर प्रोफेशनल साइबर एक्सपर्ट्स और काउंसलर भी तैनात कर दिए गए हैं। साइबर क्राइम से संबंधित कमांडो को भी खास ट्रेनिंग दी जा रही है। जहां पर उनकी जरूरत पड़ेगी, वहां पर यह कमांडो अपनी सेवाएं देंगे।
कैसे हेल्प करेगा साइबर सपोर्ट सेंटर
1. सभी प्रकार के ऑनलाइन संकट जैसे बुलिंग, ट्रोलिंग आदि के पीड़ितों को मुफ्त मनोवैज्ञानिक, कानूनी और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी।
2. यहां साइबर क्राइम को कम करने के लिए शिक्षा, प्रशिक्षण और जागरूकता अभियानों का सहारा लिया जाएगा।
3. इंटरनेट की लत, ऑनलाइन उत्पीड़न या साइबर अपराधों के मनोवैज्ञानिक प्रभावों से पीड़ित व्यक्तियों का उपचार स्वरूप सेवा दी जाएगी।
4. एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी एजेंसियों, कानून प्रवर्तन और कॉर्पोरेट क्षेत्र के साथ निरंतर जुड़ाव के माध्यम से साइबर जागरूकता को बढ़ाया जाएगा।
ये रहा साइबर अपराधों का आकड़ा
एक रिकॉर्ड के अनुसार 70% बच्चों को तो 30% महिलाओं को साइबर खतरों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा वित्तीय साइबर अपराध के मामलों में 24% से ज्यादा की वृद्धि पाई गई है। अकेले साइबर धोखाधड़ी के कारण 2024 में 2054 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। राजस्थान में हर साल लगभग 3000 साइबर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इनमें से 47.25% वित्तीय अपराध हैं। 30.16% यूपीआई घोटाले से जुड़े हुए मामले हैं। 12% सोशल मीडिया से जुड़े हुए मामले हैं और 11% यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं।