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Cordyceps Militaris: आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं राजस्थान के एक ऐसे शख्स के बारे में जो एक किस्म का मशरूम अपनी लैब में उगाते हैं जिसकी कीमत चांदी से 3 गुना ज्यादा है।

Cordyceps Militaris: राजस्थान के सीकर जिले मुख्यालय से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर नानी नामक एक छोटे से गांव में एक किसान नवाचार और दृढ़ता के साथ आधुनिक कृषि को एक नए आयाम पर पहुंचा रहा है। इस किसान का नाम है मोटाराम शर्मा। मशरूम मैन के नाम से मशहूर यह किसान पिछले 27 वर्षों से मशरूम की खेती कर रहा है। खास बात यह है कि यह कोई आम मशरूम की खेती नहीं कर रहे बल्कि एक खास किस्म के मशरूम कीड़ा जड़ी मशरूम की खेती कर रहे हैं। इसके लिए इन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर पहचान मिली है। 

हिमालयन कीड़ा जड़ी को राजस्थान में लाना 

कीड़ा जड़ी जिसे हिमालयन वियाग्रा के नाम से भी जाना जाता है एक अत्यधिक मूल्यवान कवक है। यह मशरूम औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसका इस्तेमाल कैंसर और विभिन्न यौन स्वास्थ्य समस्याओं के लिए इलाज के रूप में किया जाता है। वैसे तो यह मशरूम काफी ठंडा मौसम में पाया जाता है लेकिन राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्र में इसकी खेती लोगों को अचंभित कर देती है। 

विजयपुर गांव के पास मोटेराम ने अपने फार्म हाउस पर एक आधुनिक औषधिय मशरूम लैब को विकसित किया है। इस लैब में उच्च स्तरीय उपकरणों और सख्त तापमान नियंत्रण का उपयोग करके एक नियंत्रित वातावरण में इन मशरूमों की खेती की जाती है। इस लैब में तीन एसी वाले कमरे हैं जो 14 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान को बनाए रखते हैं। 

चांदी से भी ज्यादा कीमत 

यह मशरूम एक दुर्लभ मशरूम है साथ ही बहुत महंगा भी है। मोटेराम के मुताबिक इस मशरूम की कीमत बाजार की मांग और गुणवत्ता के आधार पर ₹2 से ₹5 लाख रुपए प्रति किलोग्राम के बीच है।  2 महीने के भीतर मोटेराम लगभग 6 से 8 किलो मशरूम उगा लेते हैं। मशरूम उगाने के साथ-साथ वह इसे प्रोसेस भी करते हैं। यहां पर वे कैप्सूल और पाउडर से लेकर हर्बल जूस और आचार तक सब कुछ बनाते हैं।

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