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Sub Division Removal : राजस्थान में हाल ही में संभाग और जिलों के पुनर्गठन के बाद अब राज्य सरकार एक और बड़े बदलाव की तैयारी में है।

Rajasthan Sub Division Removal: राजस्थान सरकार प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक अहम पहल करने जा रही है। जिलों और संभागों की सीमाओं में बदलाव के बाद अब राज्य के 100 से ज्यादा उपखंडों को समाप्त करने की योजना पर विचार चल रहा है। यह फैसला उस पृष्ठभूमि में लिया जा रहा है जब कई उपखंड कार्यालय लंबे समय से सरकारी मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। कुछ कार्यालयों की स्थापना महज स्थानीय जनदबाव या राजनीतिक कारणों से की गई थी, लेकिन अब सरकार प्रशासनिक व्यय, मानव संसाधन और कार्यकुशलता जैसे पहलुओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है।

कैसा होगा नया मॉडल?

प्रस्तावित योजना के तहत सरकार क्लस्टर आधारित मॉडल पर काम कर रही है, जिसमें हर दो से तीन तहसीलों पर एक उपखंड अधिकारी (SDM) नियुक्त होगा। यह मॉडल राज्य के भौगोलिक, सामाजिक और प्रशासनिक स्वरूप के आधार पर तय किया जाएगा। अनुमान है कि इससे उपखंडों की कुल संख्या में 30 से 35 प्रतिशत की कमी आ सकती है।

निर्णय में शामिल हैं कई पक्ष

इस बदलाव को लागू करने से पहले सरकार ने राजस्व विभाग की देखरेख में एक सलाहकार समिति का गठन किया है, जो जमीनी फीडबैक एकत्र कर रही है। समिति जिलों के कलेक्टरों, तहसील अधिकारियों, SDM स्तर के अधिकारियों, और कर्मचारी संगठनों से सुझाव ले रही है।

क्या हो सकता है असर?

अगर यह योजना लागू होती है, तो इससे राज्य की प्रशासनिक संरचना में एक नया संतुलन स्थापित हो सकता है। जहां एक ओर इससे सरकारी खर्च कम होगा, वहीं दूसरी ओर आम जनता की पहुंच में बाधा आने की भी आशंका है — खासकर दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में। हालांकि सरकार का तर्क है कि तकनीकी माध्यमों और डिजिटलीकरण के जरिए नागरिक सेवाओं को डिजिटल और केंद्रीकृत मॉडल के ज़रिए पहुंचाना अब पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है।

अंतिम निर्णय कब?

सलाहकार समिति अपनी रिपोर्ट अगले 6 महीनों के भीतर राज्य सरकार को सौंपेगी। रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद यह प्रस्ताव राज्य कैबिनेट की बैठक में अंतिम रूप से रखा जाएगा, जहां इसकी समीक्षा और मंजूरी दी जाएगी।

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