Animal Husbandry Tips : भारतीय किसान अपनी फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए पूरे वर्ष कड़ी मेहनत करता है, फिर भी बड़ी संख्या में किसान आज आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इसके बहुत से कारण हैं। एक तो खेती के लिए संसाधन भी महंगे होते जा रहे हैं दूसरे प्राकृतिक आपदाओं के चलते भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए अब किसान पशुपालन व डेयरी के काम की ओर बढ़ रहे हैं। दरअसल डेयरी का धंधा आमदनी के नजरिए से ज्यादा बेहतर साबित हो रहा है। इस समय किसान कुछ विशेष किस्म की नस्ल वाली गायों के जरिए दूध उत्पादन में बंपर कमाई कर रहे हैं।
गिर व साहीवाल किस्म वाली गायें ऐसी होती हैं जिन्हें विशेष रखरखाव की जरूरत नहीं पड़ती और वो दूध भी अधिक मात्रा में देते हैं। A2 प्रोटीन से भरपूर इनका दूध सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। शहरी इलाकों में इस दूध की डिमांड बहुत ज्यादा होती है। इसी कारण यह दूसरे किस्म के दूध से कहीं ज्यादा महंगा मिलता है।
मुर्रा नस्ल वाली भैंस, किसानों के लिए दूध की मशीन
भारतीय किसान मुर्रा नस्ल की भैंस को दूध की मशीन बुलाते हैं। ये भैंस एक दिन में 10 से 12 लीटर तक दूध देती है। इस समय उत्तर प्रदेश, राजस्थान व हरियाणा राज्यों के किसान मुर्रा भैंस की खरीदारी पर विशेष जोर दे रहे हैं। इस नस्ल की भैंस मौसम के अनुसार अपने को एडजस्ट कर पाती है तथा ये बहुत लंबे समय तक अधिक मात्रा में दूध देने की क्षमता रखती हैं।
गिर गाय दुग्ध उत्पादन क्षमता सबसे ज्यादा
गिर जंगलों में पाई जाने वाली गिर गाय उच्च श्रेणी का दूध देने की क्षमता रखती है। गर्म जलवायु में भी अपने आप को ढाल लेने वाली ये गाय एक दिन में 10 से 12 लीटर दूध दे देती है। ऐसा माना जाता है कि इसके दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है।
साहीवाल गाय
साहीवाल गाय यह देसी नस्ल की गाय है। एक एक दिन में 8 से 10 लीटर दूध देती है। इसके दूध में A2 प्रोटीन भी पाया जाता है। साहिवाल गाय को बहुत सामान्य देखभाल की जरूरत होती है।
जर्सी गाय
जर्सी गाय विदेशी नस्ल की गाय है पर भारत में भी ये आसानी से मिल जाती है और किसानों की पसंद भी है। जर्सी गाय कम चारा खाकर भी ज्यादा दूध देती है। यह रोजाना करीब 20 लीटर तक दूध दे सकती है।
किसानों के लिए लाभकारी योजनाएं
केन्द्र व राज्य सरकार पशुपालन व डेयरी के काम के लिए अनेक योजनाएं चला रही हैं जो किसानों को सब्सिडी भी दे रही है। जैसे राष्ट्रीय गोकुल मिशन, पशुपालन डेयरी योजना तथा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को 25 से 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी के साथ साथ मुफ्त प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जा रही है।
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