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Largest Desert Fort: जैसलमेर अपनी शाही परंपराओं और रेगिस्तान के लिए काफी मशहूर है। आज के‌ इस लेख में हम बात करने जा रहे हैं जैसलमेर किले की जो दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तानी किलो में से एक है।

Largest Desert Fort: यह जिला अपने राजसी किलों और शानदार हवेलियों के लिए मशहूर है। इसे गोल्डन सिटी के नाम से भी जाना जाता है। हर साल अनगिनत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय  पर्यटक इसकी खूबसूरती देखने के लिए राजस्थान आते हैं।  आज के इस लेख में हम जानेंगे यहां के एक ऐसे किले के बारे में जो दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तानी किला है।

क्या है जैसलमेर का इतिहास

भाटी राजपूत शासक राव जैसल‌ ने जैसलमेर की नींव 1155 ईस्वी में रखी थी। इस शहर को ऐतिहासिक रूप से माधरा और वल्लभमंडल के नाम से जाना जाता था। जब भारत को स्वतंत्रता मिली उसके बाद जैसलमेर रियासत को राजस्थान में मिला दिया गया। जैसलमेर में आपको पर्यटक डेजर्ट नेशनल पार्क, जैसलमेर युद्ध संग्रहालय और लोंगेवाला युद्ध स्मारक देखने को मिलेगा। जब भी आप जैसलमेर जाएं तो रेगिस्तानी अनुभव के लिए सैम सैंड ड्यून्स में सूर्यास्त के दौरान ऊंट की सवारी करना ना भूले।

जैसलमेर किला-दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तानी किला 

यह किला दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तानी किलों में से एक है। इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है। इस  किले को स्थापित महारावल जैसल देव ने किया था और बाद में उनके बेटे शालिवाहन द्वितीय ने इस किले का निर्माण पूरा करवाया। 
यह किला पीले बलुआ पत्थर से बनाया गया है।  जब सूरज की रोशनी इस किले पर पड़ती है तो है किला सुनहरे रंग से चमकने लगता है। इसी वजह से इस किले को सोनार किला या गोल्डन फोर्ट के नाम से जाना जाता है। यह किला त्रिकूटा पहाड़ी पर बना है। इस किले के अंदर आपको मुख्य आकर्षणों के रूप में लक्ष्मीनाथ मंदिर, जटिल नक्काशीदार जैन मंदिर, महारावल महल आदि देखने को मिलेंगे। इसी के साथ जैसलमेर में देश का पहला भू-वैज्ञानिक संग्रहालय भी है। साथ ही यहाँ के पोखरण में भारत का पहला भूमिगत परमाणु परीक्षण हुआ था।

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