Benefits Of Hut : गर्मी ने लोगों की निर्भरता एसी और कूलर पर बढ़ा दी है। आज कल बढ़ते गर्मी के कारण लोगों का हाल बेहाल है। बढ़ते तापमान ने जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। कभी ज्यादा गर्मी तो कभी ठंडा तो कभी बे मौसम बारिश। पहले के समय में जहां लोगों का काम नेचुरल हवा या फिर पंखे से चल जाता था। लेकिन वक्त के साथ साथ मौसम में भी बदलाव नजर आ रहा है। गर्मी इतना है कि ac भी फेल हो जा रहा है। शहरों में ऊंची ऊंची इमारतों में लगने वाली एसी भी अब गर्मी को मात नहीं दे पा रही है। पूरा भारत गर्मी से बेहाल है। लेकिन राजस्थान के भरतपुर जिले के पीलूपूरा गांव में एक ऐसी झोपडी मौजूद है जिसके आगे एसी भी फेल है। देसी तरीके से बनी के ये झोपडी ग्रामीण वास्तुकला का अनूठा उदाहरण है। इस झोपड़ी को देसी झोपड़ी या वीआईपी झोपड़ी नाम से भी जाना जाता है।
बिना एसी के झोपडी बर्फ जैसी चिल्ड
झोपड़ी का निर्माण करने के कई सारी चीजों का इस्तेमाल किया गया है। लकड़ी,मिट्टी और खरपतवार जैसे अन्य चीजों का इस्तेमाल किया गया है। इसको बनाने के लिए लाखों में खर्च आया है। झोपड़ी की दीवारें इतनी ठंडी रहती हैं कि हाथ लगाने पर ठंडक महसूस होता है। बाहर की तुलना में अंदर का तापमान काफी कम रहता है।
पर्यटकों के लिए बना आकर्षण का केंद्र
झोपडी भरतपुर में आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। विश्राम करने का स्थल भी बन चुका है। गांव के लोगों लिए स्टाइल और शौक का प्रतीक भी बन गया है। आसपास के लोग इसे देखने आते है और इसकी वास्तुकला की समझने की कोशिश करते है।
झोपडी के इंटीरियर में आधुनिकता का मेल
झोपडी के अंदर का डिजाइन एकदम आधुनिक तरीके से बनाया गया है। इसमें टीवी बैठने के लिए आरामदायक कुर्सी भी लगाया गया है। दीवारों पर मानचित्र भी लगाया गया है इसको और ठंडक का अहसास दिलाने के लिए पंखे भी लगाएं गए है।
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