Indian Railways Medical Services: अजमेर रेल मंडल के मुख्य रेलवे अस्पताल में सोनोग्राफी की फैसिलिटी नहीं है। ऐसे में प्रशासन का कहना है कि रेडियोलॉजिस्ट नहीं मिलने की वजह से यह फैसिलिटी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। ऐसी सिचुएशन में रेलवे कर्मचारी और पेंशनर्स के अलावा उनके परिजन को सोनोग्राफी की जांच करवाने के लिए रेलवे से अनुबंधित अस्पताल प्राइवेट अस्पतालों में भेजा जा रहा है। जिसके लिए अस्पताल में भर्ती मरीजों को सरकारी एंबुलेंस की सुविधा दी जा रही है, जबकि आउटडोर मरीजों को सोनोग्राफी जांच के लिए अपने किराए की गाड़ी से संबंधित प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा है।

15 साल से सोनोग्राफी की फैसिलिटी नहीं है

उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में तकरीबन 15 साल से सोनोग्राफी की फैसिलिटी नहीं है। वहीं पूर्व सीएमएस डॉक्टर कार्तिकेय के कार्यकाल में रेलवे अस्पताल में सोनोग्राफी की सबसे सुविधा थी सरोग्राफी की रिपोर्ट पर जटिल लोगों की ऑपरेशन और इलाज किए जाते हैं।

यह भी पढ़ें- सड़क हादसे पर CM भजनलाल सख्त: ओवरस्पीड और शराब पीकर ड्राइविंग करने वालों के कैंसिल होंगे लाइसेंस, जानें पूरा आदेश

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे अस्पताल में हर रोज 500 से 700 के बीच होती है। जिसमें से 13 मरीजों को डॉक्टर सोनोग्राफी जांच की सलाह देते हैं। अजमेर रेल मंडल के इस अस्पताल में 15000 कर्मचारी और 24000 रेलवे पेंशनर्स उनके आश्रित से चिकित्सा के लिए डिपेंड है।