Jaipur Sambhar Lake: राजस्थान की सांभर झील को भारत में सबसे बड़ी अंतर्देशीय खारे पानी की झील के रूप में पहचाना जाता है। यूं तो यह झील नमक उत्पादन के लिए जानी जाती है लेकिन हाल फिलहाल में यह अपने प्रवासी पक्षी फ्लेमिंगो के लिए सुर्खियां बटोर रही है। वैसे तो यह पक्षी सर्दियों के महीने में आते हैं लेकिन इस बार भीषण गर्मी में भी सांभर में झुंड बनाकर आ रहे हैं। ऐसे में सांभर झील के आसपास का नजारा गुलाबी रंग से भर चुका है।
सांभर झील बना आकर्षण का केंद्र
आपको बता दे कि यह झील मध्य एशियाई फ्लाईवे पर स्थित है। यह मार्ग मध्य एशिया से भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा करने वाले पक्षियों के लिए एक प्रमुख प्रवास मार्ग है। हर साल इस झील पर लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। लेकिन उनके आने का समय सितंबर और मार्च के बीच होता है। इस बार गर्मी के मौसम में ही फ्लेमिंगो का आना प्रवास पैटर्न में बदलाव के संकेत दे रहा है। गर्म महीने में इन पक्षियों का आना अब पर्यटकों और वन्य जीव फोटोग्राफरों को आकर्षित कर रहा है। फोटोग्राफर इन सुंदर जीवो को खारे पानी में तैरते हुए अपनी तस्वीर में कैद करना चाहते हैं।
फ्लेमिंगो की यात्रा
फ्लेमिंगो की यात्रा आसान नहीं होती। दरअसल यें रूस, मंगोलिया और साइबेरिया जैसे दूर दराज के देशों से सांभर आते हैं। यह यात्रा हजारों किलोमीटर की होती है। भोजन और झील के विशाल उथले पानी से आकर्षित होकर वे सांभर को अपना अस्थाई घर बना देते हैं। हालांकि वैसे तो यह पक्षियां वापस चले जाते हैं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से कुछ ने साल भर यहीं पर रहना शुरू कर दिया है।
आपको बता दे की सांभर में दो प्रकार के फ्लेमिंगो पाए जाते हैं। पहले है ग्रेटर फ्लैमिंगो। यह काफी बड़े होते हैं। उनकी ऊंचाई लगभग 5 फीट के करीब होती है और उनके पंख हल्के गुलाबी से सफेद होते हैं। दूसरे है लेसर फ्लेमिंगो। यह थोड़े छोटे होते हैं और उनकी ऊंचाई लगभग ढाई से साढे तीन फीट ही होती है। उनके पंख चमकीले गुलाबी रंग के होते हैं।
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