Kankwadi Fort in Alwar: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने टूरिज्म इकोनॉमी को आगे बढ़ाने की दिशा में अब एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है। राजस्थान के अलवर जिले में विश्व प्रसिद्ध सरिस्का टाइगर रिजर्व के अंतर्गत स्थित ऐतिहासिक महत्व के कांकवाड़ी फोर्ट को पर्यटकों के लिए खोलने का फैसला किया है। इससे टाइगर रिजर्व घूमने आने वाले वन्य प्रेमियों को कांकवाड़ी फोर्ट के अवलोकन का भी मौका मिलेगा। इसके साथ ही राजस्थान सरकार को भी अतिरिक्त आय के साथ ही इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित कर विकसित करने का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय वन मंत्री ने बनाई योजना
राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध सरिस्का टाइगर रिजर्व के मध्य स्थित कांकवाडी किला ऐतिहासिक होते हुए कहीं गुमनामी में था, साथ ही इसकी देखभाल के अभाव में वीरान पड़ा था। अब इस किले पर केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव की नजर पड़ी तो इसके विकास के साथ ही पर्यटन स्थल के रूप में बड़ी संभावनाओं को देखते हुए इसको विकसित करने की योजना बना डाली। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि आरंभ में इसे सप्ताह के 2 दिन पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। इस दिशा में इसके ऊपर मंत्रालय की ओर से 2-3 करोड़ रुपए व्यय कर इसे भ्रमण हेतु बनाया जा रहा है। माना जा रहा है इस योजना पर आगे बढ़ने से पूर्व केंद्र सरकार से सभी आवश्यक एनओसी लेने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वन्य जीवों की गतिविधियों पर कोई प्रभाव न पड़े।
जानें क्या है कांकवाड़ी किले का ऐतिहासिक महत्व
अलवर जिले का ये ऐतिहासिक कांकवाड़ी किला अपनी शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है। सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के मध्य स्थित होने के कारण प्राकृतिक रूप से भी एक शानदार किला है। इस किले का निर्माण आमेर के राजा जयसिंह प्रथम ने 17वीं शताब्दी में कराया था। जिसे एक विशेष रूप से एक गिटार का आकार दिया गया। सरिस्का की पहाड़ी पर स्थित इसी किले में क्रूर आक्रांता औरंगजेब ने अपने भाई दारा शिकोह को बंदी बनाकर रखा था। क्षेत्रीय निदेशक संग्राम सिंह के अनुसार केंद्रीय वन मंत्री आदेशानुसार योजना को क्रियान्वित करेंगे, साथ ही टहला गेट की ओर से प्रवेश देने पर काम किया जा रहा है।
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