Jaipur District Court: जिला न्यायालय ने एक लंबे समय से लंबित मामले में बड़ा फैसला लिया है। दरअसल 2014 में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक सड़क को अवरुद्ध करने के लिए नौ व्यक्तियों को 1 वर्ष की कारावास की सजा सुनाई गई है। इन नौ व्यक्तियों में दो मौजूदा कांग्रेस विधायक भी शामिल हैं।
न्यायालय की दोष सिद्धि और तत्काल जमानत
यह मामला जेएलएन रोड पर राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के बाहर आयोजित एक प्रदर्शन से संबंधित है। यहां पर आरोपियों ने कथित तौर पर लगभग 20 मिनट के लिए यातायात को अवरुद्ध किया था। अभियोजन अधिकारी कविता पिंगोलिया के मुताबिक न्यायालय द्वारा लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, शाहपुर विधायक मनीष यादव और कांग्रेस विधानसभा उम्मीदवार अभिषेक चौधरी सहित अन्य को दोषी ठहराया है। उनके ऊपर अवैध रूप से एकत्र होने से संबंधित धाराओं के तहत सड़क अवरोधन और गैर कानूनी रूप से एकत्र होने के साथ-साथ सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने के चार्ज लगे हैं।
2016 में दायर किया गया था आरोप पत्र
पुलिस द्वारा अगस्त 2016 में आरोप पत्र को दायर किया गया था। कई वर्षों से सुनवाई चल रही थी और आखिरकार इस हफ्ते न्यायालय ने अपना निर्णय सुना दिया है । हालांकि सजा सुनाई जाने के तुरंत बाद सभी आरोपियों को जमानत दे दी गई है। आप उनके पास उच्च न्यायालय में अपील दायर करने के लिए एक महीने का समय है।
विधानसभा से अयोग्यता नहीं
ध्यान देने योग्य बात यह है कि न्यायालय के इस फैसले के बाद भाकर या यादव की विधाई स्थिति को कोई भी खतरा नहीं है। कानूनी प्रावधानों के मुताबिक राज्य विधानसभा या संसद से अयोग्यता सिर्फ तभी होती है जब सजा दो साल से अधिक की हो। अब इस मामले में सजा एक साल तक की सीमित है इसलिए दोनों विधायक राजस्थान विधानसभा में अपनी सीटें बरकरार रख पाएंगे।
दोषी विधायकों की पृष्ठभूमि
मुकेश भाकर जो की 36 साल के हैं सचिन पायलट के साथ गठबंधन करने वाले कांग्रेस के युवा अच्छा के एक जाने-माने चेहरे हैं। उन्होंने अपनी राजनीति छात्र सक्रियता के जरिए शुरू की थी। उन्होंने राजस्थान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव के रूप में काम किया है।। वे 2018 में विधायक बने और 2023 में 15000 से अधिक मतों के अंतर से लाडनूं में अपनी सीट बरकरार रखी।
मनीष यादव जो की 35 साल के हैं एक लॉ ग्रेजुएट हैं। उन्होंने एबीवीपी पीछे राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। इसके बाद उन्हें 2013 में भाजपा से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा। 2018 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और 2023 में शाहपुर से पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए।
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