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REET Exam Controversy: राजस्थान में शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी की रीट में अनियमितताओं को साबित करने के लिए ने एसओजी ने बड़ा कदम उठाया है। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

REET Exam Controversy: राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 और 2022 में अनियमितताओं का पर्दाफाश करने के लिए एक बड़ा कदम उठाए जा रहा है। दरअसल विशेष अभियान समूह ने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले आरोपी 121 शिक्षकों की लिखावट, हस्ताक्षर और तस्वीरों की फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में जांच करने का एक निर्णय लिया है। यह जांच अब जोधपुर स्थित एसओजी कार्यालय को दे दी गई है। अब यहां पर सभी आरोपी शिक्षकों को सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। 

होगी पुख्ता जांच 

आपको बता दें कि इस प्रक्रिया में शिक्षकों की लिखावट के साथ-साथ हस्ताक्षर और तस्वीरों के नए नमूनों को एकत्र किया जाएगा। इन नमूनों का मिलान उनके मूल आवेदन पत्र, परीक्षा रिकॉर्ड और नियुक्ति के साथ जमा किए गए दस्तावेजों में दिए गए विवरणों से किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि इन तीनों आंकड़ों का क्रॉस वेरिफिकेशन करके इस बात की पुष्टि की जाएगी की क्या नौकरी हासिल करने के लिए फर्जी उम्मीदवारों, फर्जी तस्वीर हो या फिर जाली हस्ताक्षरों का इस्तेमाल किया गया है या फिर नहीं।

आपको बता दें कि राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा पिछले 5 सालों में हुई भर्ती प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए पहले से ही जांच समितियां का गठन कर दिया गया था। इन निष्कर्षों ने एसओजी की चल रही जांच को और भी मजबूती दी है। 

जालौर जिले से सबसे ज्यादा आरोपी 

ध्यान देने योग्य बात यह है कि 95% आरोपी शिक्षक जालौर जिले से ही हैं। इस जिले को काफी समय से राज्य के पेपर लीक माफिया का गढ़ माना जाता है। आपको बता दें कि इन व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 476, 471, 120 बी और राजस्थान लोक भारती परीक्षा अधिनियम के तहत मामलों को दर्ज किया गया है।

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