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PM Kusum Yojna Rajasthan : किसान अपनी बंजर या बेकार जमीन पर सोलर प्लांट को लगवा सकते हैं। इससे उनकी जमीन किराए पर भी चलती है और बिजली उत्पादन का जरिया भी बन जाती है।

PM Kusum Yojna Rajasthan : भारत सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री कुसुम योजना का उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से सशक्त बनाना और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है। इस लक्ष्य को साकार करने में राजस्थान ने पूरे देश में अग्रणी भूमिका निभाई है। राज्य ने न सिर्फ बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में हरित ऊर्जा की पहुंच को भी मजबूत किया। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में राजस्थान ने एक बार फिर मिसाल कायम की है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत राजस्थान ने एक ही वर्ष में 1190 मेगावाट क्षमता के 592 सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित कर देश में पहला स्थान हासिल किया है।

राजस्थान बना सोलर एनर्जी का बादशाह

ऊर्जा सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने की दृष्टि से लागू की गई इस योजना के तहत राजस्थान ने 1692.22 मेगावाट की कुल क्षमता के 1305 संयंत्र स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 1190 मेगावाट के प्लांट कार्यशील हैं। यह राज्य को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र के रूप में अपने आप को स्थापित करता है।

कंपोनेंट-A में राजस्थान देश में नंबर वन

कंपोनेंट ए का मतलब है कि किसानों को उनकी जमीन पर सोलर प्लांट लगाना और उसे बिजली उत्पादित करना है। कंपोनेंट ए राजस्थान देश में नंबर वन पर है। कंपोनेंट सी में राजस्थान तीसरे नंबर पर है। कंपोनेंट सी में किसानों को डीजल पंप की जगह सोलर पंप लगवाने होता है। पहले स्थान पर गुजरात दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र और तीसरे स्थान पर राजस्थान है। पूरे देश में सबसे ज्यादा 457 मेगावाट के प्लांट सिर्फ राजस्थान में है। 

जानें योजना का फायदा

इस योजना के तहत सोलर प्लांट्स से जो बिजली बनती है वह जोधपुर, अजमेर और जयपुर इलाके की बिजली कंपनियों को मिल रही है। वो भी सिर्फ ₹2.09 से ₹3 प्रति यूनिट में जो कि बहुत सस्ती है। इस बिजली उत्पादन से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।

सोलर प्लांट बना किसानों के आय का जरिया 

किसान अपनी बंजर या बेकार जमीन पर सोलर प्लांट को लगवा सकते हैं। इससे उनकी जमीन किराए पर भी चलती है और बिजली उत्पादन का जरिया भी बन जाती है। सोलर प्लांट से जो बिजली का उत्पादन होता है उसे बिजली कंपनी प्रति यूनिट की दर से खरीदती है जिससे किसानों को फायदा मिलता है। जो किसान सोलर पंप लगवाते हैं, उन्हें डीजल या महंगी बिजली पर खर्च नहीं करना पड़ता सिंचाई का खर्च कम होने से भी खर्च घटता है और मुनाफा बढ़ता है।

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