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Green Energy Rajasthan: राजस्थान देश का ऐसा राज्य है, जहां सौर ऊर्जा उत्पादन की सबसे ज्यादा संभावना है। यहां प्रति वर्गमीटर क्षेत्र से हर साल औसतन 5.70यूनिट सौर ऊर्जा तैयार की जा सकती है।

Green Energy Investment In Rajasthan : भारत में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राजस्थान अब ग्रीन एनर्जी में विदेशी निवेश से जुड़ा अपना पहला और सबसे बड़ा प्रोजेक्ट प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा है।मिली जानकारी के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात राज्य में 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर 60 हजार मेगावाट क्षमता वाला प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है। इस संबंध में केंद्र सरकार यूएई के साथ हुए एमओयू को राजस्थान की ओर भेज रही है। सरकार का ये कदम ऊर्जा क्षेत्र ही नहीं बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा। इस संबंध में यूएई सरकार योजनाबद्ध तरीके से तैयारी कर रही है और किसी भारतीय कंपनी को भी अपने साथ पार्टनरशिप में काम करने के लिए ऑफर कर सकती है। 

केन्द्र के साथ एएमयू पर हुआ समझौता

यूएई के निवेश मंत्री मोहम्मद हसन अल सुवाइदी का भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के मध्य एएमयू साइन हुआ है। राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट ग्लोबल समिट से पहले जयपुर में भी सीएम की मौजूदगी में एएमयू संचालित हुआ लेकिन इस एएमयू में 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश को शामिल नहीं किया गया था।

ग्रीन एनर्जी की राह में सबसे बड़ी चुनौती

इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसके अनुरूप बड़े क्षेत्रफल वाली जमीन का मिलना है। ऐसा लगता है कि इसे भिन्न भिन्न जिलों में क्रमवार स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना पूरी तरह से लागू होने में अभी कई वर्ष लग सकते हैं। बिजली उत्पादन के बाद उसे प्रभावी ढंग से वितरित करना एक बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए न केवल वर्तमान क्षमता में वृद्धि करनी होगी, बल्कि नए ट्रांसमिशन ढांचे का निर्माण भी आवश्यक होगा।

निवेशकों के लिए अवसर

राजस्थान देश का वह प्रमुख राज्य है, जहां सौर ऊर्जा के उत्पादन की सबसे अधिक संभावनाएं मौजूद हैं। यहां हर वर्ष प्रति वर्ग मीटर क्षेत्रफल से लगभग 5.7 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। जो जबकि कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे अन्य राज्य इस मामले में राजस्थान से काफी पीछे हैं। यही वजह है कि देश-विदेश के बड़े निवेशकों की नजर अब राजस्थान पर टिकी हुई है।

रोजगार के मिलेंगे अवसर

इस प्रोजेक्ट की स्वीकृति का सबसे बड़ा लाभ ये है कि यह राज्य की मौजूदा ऊर्जा क्षमता से कई गुना ज़्यादा है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद राजस्थान पूरी दुनिया में सौर ऊर्जा का एक बड़ा हब बन जाएगा। इस प्रोजेक्ट के जरिए इंजीनियरिंग, निर्माण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, मशीनरी और लोकल सप्लाई करने वाले उद्योगों को बल मिलेगा। इस नए प्रोजेक्ट के संचालन, निर्माण और देखरेख के लिए बड़ी संख्या में लोगों की आवश्यकता होगी, जिससे रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। इससे राजस्थान को एक वैश्विक ग्रीन एनर्जी हब के रूप में पहचान मिलने की संभावनाएं और मजबूत होंगी।

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