Rajasthan Education: निजी और सरकारी स्कूलों के बीच शिक्षा के अंतर को मिटाने के लिए एक अहम कदम उठाया गया है। दरअसल राजस्थान के जाहोता गांव में स्कूल के बाद प्रारंभिक शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया गया। बहन का उद्देश्य सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए निजी स्कूल के जैसे अंग्रेजी, हिंदी और गणित में मूलभूत कौशल को मजबूत करना है।
एक नई मुहिम
अक्सर ग्रामीण सरकारी स्कूल के छात्रों को अंग्रेजी दक्षता में कमजोर पाया जाता है। खासकर जब उनकी तुलना निजी संस्थानों से होती है। इस असमानता को मिटाने के लिए कक्षा तीन से सात तक के छात्रों के लिए एक आफ्टर स्कूल अर्ली एजुकेशन चलाई जाएगी। इसमें कक्षा तीन से सात तक के छात्रों को स्कूल के बाद प्रारंभिक शिक्षा दी जाएगी। यह कक्षा हफ्ते में तीन बार आयोजित की जाती है। दो दिन ऑनलाइन और एक दिन ऑफलाइन।
इसमें छात्रों को बढ़ाने के लिए जयपुर और बेंगलुरु के के साथ-साथ विदेशी शिक्षकों को शामिल किया जाता है। जो जूम के माध्यम से पढ़ाते हैं।
विशेषज्ञों द्वारा समर्थित वैज्ञानिक दृष्टिकोण
यह पहल राजस्थान सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से डॉक्टर बी लाल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी द्वारा शुरू की गई है। इस पहल की अध्यक्षता का जिम्मा सुदीप्ति अरोड़ा को सोपा गया है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम 60 छात्रों के तीन बैच में आयोजित किया जा रहा है। इस बैच में छात्रों को उनकी भाषा और संख्यात्मक कौशल को बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया जाता है।
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