Government College Rajasthan: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक अनोखा महाविद्यालय स्थित है, जिसे राजधानी का पहला राजकीय महाविद्यालय कहा जाता है। इस महाविद्यालय करीब 3 हजार विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं लेकिन इन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है। यहां के बच्चे आज भी विद्यार्थियों को जमीन में बैठकर पढ़ाई करते हैं। महाविद्यालय का खुद का भवन भी नहीं है। यही नहीं कॉलेज में न तो कोई लैब है न टॉयलेट्स और न पीने का पानी। आइए जानते हैं इस कॉलेज के बारे में विस्तार से…
साल 2013 से संचालित हो रहा कॉलेज
जयपुर का पहला राजकीय महाविद्यालय खोला गया, तब महाविद्यालय का ख़ुद का कोई भवन नहीं था। जेएलएन रोड स्थित गांधी सर्किल पर बने राजा रामदेव पोद्दार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के 9 कमरों में कक्षाएं लगनी शुरू हुई थी।
2015 में आवंटित की गई जमीन
राजस्थान की तात्कालीक बीजेपी सरकार ने इस महाविद्यालय को खुद के कैंपस बनाने के लिए 6 मई 2015 को 27 हजार 876 वर्ग मीटर जमीन राजा रामदेव पोद्दार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में दी थी। लेकिन उस जमीन में आज दूसरे भवन बना दिए गए और इस कॉलेज को आज भी खुद के भवन का इंतजान है। इसलिए आज भी वही, 9 कमरों में महाविद्यालय चल रहा है।
6 कमरों में पढ़ते हैं 3 हजार विद्यार्थी
वर्तमान में सरकारी कॉलेज बीबीए, बीसीए, बीकॉम, बीए, एमए, बीएससी, एमएससी के 3 हजार से भी ज्यादा विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। जिन्हें महज़ 6 कमरों में पढ़ते हैं, बाकी के 3 कमरों में प्रिंसिपल रूम, स्टाफ रूम और ऑफिस चलता है।
जमीन में बैठकर देते हैं इग्जाम
इस कॉलेज के विद्यार्थियों को भारी समस्याओं को सामना करना पड़ता है। यहां कई बार बाहर बैठकर छात्र इग्जाम देते हैं। यहां न तो पीने के पानी की व्यवस्था है न ही शौचालय की। कॉलेज में पुस्तकालय भी नहीं है। विद्यार्थी बताते हैं यहां कोर्स तो चलते हैं लेकिन पढ़ाई के लिए लैब भी नहीं है।