Rajasthan Sports: राजस्थान के बच्चे खेल क्षेत्र में बहुत रुचि रखते हैं, जिसकी वजह से बच्चे खेल में राजस्थान के साथ देश का भी नाम रोशन कर रहे हैं। राजस्थान के बच्चे रुचि रखने के बाद भी अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाते हैं, इसका सबसे मुख्य कारण सुविधाओं में अभाव है। ऐसा इसलिए क्योंकि खेल के दौरान जिन चीजों की आवश्यकता होती है, वे ही खिलाड़ियों को उपलब्ध नहीं करवायी जाती है। वहीं कुछ खिलाड़ी अपने जुनून और मेहनत की वजह से सुविधाओं के अभाव में भी इतिहास रच देते हैं, जिसका उदाहरण कोटा की एक फुटबॉल टीम है।
असुविधाओं के बाद फुटबॉल हॉस्टल ने रचा इतिहास
राजस्थान के कोटा में सरकारी फुटबॉल हॉस्टल के खिलाड़ियों ने इस क्षेत्र में इतिहास रचा है, इनके इस इतिहास के पीछे भी संघर्ष की एक कहानी है। बता दें कि कोटा में फुटबॉल हॉस्टल के मैदान में कई गड्ढे हैं, जिसकी वजह से फुटबॉल खेलते समय खिलाड़ियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही खिलाड़ियों को डाइट के नाम पर केवल 100 रुपए ही प्रतिदिन खाने के लिए दिए जाते हैं। जिसकी वजह से उनको 100 में ही अपनी डाइट लेकर मैदान में उतरना पड़ता था। इतने असुविधाओं के बाद भी कोटा के खिलाड़ियों ने साबित कर दिया है कि जिसको पूरे जुनून और मेहनत के साथ किया जाए। वो एक दिन अवश्य मिलेगी और बेहतरीन मिलेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर 42 खिलाड़ी
कोटा की इस फुटबॉल हॉस्टल के खिलाड़ियों की टीम ने 30 साल से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में टॉप किया है। इस फुटबॉल होस्टल में से फुटबॉल के लिए अब तक राष्ट्रीय स्तर के 42 खिलाड़ी चुने गए है। साथ ही हर साल 20 खिलाड़ी प्रदेशभर के लिए तैयार आते हैं। इन खिलाड़ियों के हैड कोच प्रवीण विजय ने बताया कि हॉस्टल की स्थापना साल 1994 के मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के द्वारा कराई गई थी। टीम के पिछले साल अंडर-17 फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था, जिसमें उनकी टीम ने फर्स्ट रनर-अप थी। वहीं ये टीम 6 बार पहली रनर- अप रह चुकी है।
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