Rajasthan Temple: ब्रज में माता यशोदा के कई मंदिर स्थित हैं जहां माता की पूजा शक्ति स्वरूप में की जाती है। शास्त्रों में कहीं भी मां दुर्गा के स्वरूपों में इस बात का उल्लेख नहीं मिलता है, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण की खेल स्थली कहा जाने वाला राजस्थान का कामां क्षेत्र में आज भी माता यशोदा को लोग मां दुर्गा का रूप में पूजते है। यहां माता का भव्य मंदिर भी स्थित है, जो तीर्थराज विमल कुंड के पास मौजूद है।
हजारों साल पूराना है मंदिर
डॉ. भगवान मकरंद द्वारा लिखी गई किताब 'मैं कामवन हूं' में बताया गया है कि यह मंदिर हजारों साल पुराना है। इस किताब में कई जगह कामां के इतिहास का उल्लेख किया गया है। राजस्थान के इस क्षेत्र में भगवान का पालन पोषण करने वाली माता यशोदा को शक्ति स्वरूप में सदियों से पूजा जा रहा है। मंदिर में विराजमान माता की मूर्ति एक अनोखी प्रतिमा है। यहां ना केवल राजस्थान से बल्कि बृज से भक्त माता के दर्शन करने पहुंचते हैं।
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अनूठी प्रतिमा
मंदिर में मौजूद माता की मूर्ति बलुआ पत्थर से बनाई गई है और तीन फुट ऊंची इस मां यशोदा की इस मूर्ति में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान है। चूंकि माता यशोदा यहां मां दुर्गा के रूप में पूजी जाती है इसलिए भक्त यहां मूर्ति पर चोला चढ़ाकर जाते है। जिस प्रकार कालका और चामुंडा मंदिर में माता को सिंदूर लगाकर श्रृंगार किया जाता है उसी प्रकार इस मंदिर में भी माता यशोदा का श्रृंगार किया जाता है।
यदुवंश की देवी के रूप पूजी जाती है माता
मंदिर के पुजारी ने बताया कि मां यशोदा का यह ऐसा मंदिर है जहां उनके देवी स्वरूप को पूजा जाता है। नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में विशेष पूजा की जाती है। खास बात यह है कि यहां माता को यदुवंश की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि कामां की स्थापना के दौरान शहर के चारों तरफ देवी के स्वरूप स्थापित किए गए थे। नवरात्र के समय मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों की संख्या में भक्त यहां आकर माता के दर्शन करते हैं।