Rajasthan Village: राजस्थान के कई गांव आध्यात्मिकता की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं, लेकिन एक ऐसा गांव है जिसे देव नगरी, मंदिरों का गांव, पौराणिक तीर्थ स्थल आदि के नाम से जाना जाता है। नारलाई नामक गांव चारों ओर से प्राचीन मंदिरों से घिरा हुआ है।
आज भी मौजूद है 22 शिखरबंद मंदिर
इस गांव में आज भी भ्यातिभव्य कलात्मक, नक्काशीदार, गुम्बजदार के लगभग 2 शिखरबंद मंदिर मौजूद है। इनके नक्काशीदार स्तम्भों पर बनी खूबसूरत मूर्तियां, बारीक कोरिणयां और तोरण देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं। इन प्रमुख मंदिरों के साथ ही अन्य छोटे-छोटे कई मंदिर भी बने हुए हैं, जिनमें कई लोक देवता विराजमान हैं।
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खेतलाजी, मामाधणी, भैरूजी, ईनाजी, वीर व दास हनुमानजी, विध्रहरण, विनायक आदि प्रमुख स्थान माने जाते हैं। इस गांव में कुल 108 मंदिर बने हुए हैं, जिनकी कांसी-तांबा, नगाड़ो, घडियालों, झालरों व पीतल के घडियालों और टंकारों व अन्य वाद्य यंत्रों से आसपास के गांवों में अच्छा वातावरण बना रहता है।
देवी देवताओं की आकर्षित प्रतिमाएं
प्राचीन मंदिरों के अलावा इस गांव में प्राकृतिक गुफाएं, उपाश्रयों मठ, धार्मिक शालाएं, छोटे मोटे आश्रम स्थलों, पौशाले, मढियों, संत महात्माओं की धूणियां आदि मौजूद है। यहां भारी संख्या में विभिन्न मूर्तियां, चण्डी-त्रिशूल भी मौजूद है। इसके अलावा यहां 27 कलात्मक बावडियां भी स्थित है। मंदिरों की दीवारों में पुरानी शैली के कई देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई है।
15 फीट उंची हाथी की सफेद मूर्ति
इसी गांव में सीरवी समाज की कुलदेवी आई माताजी का मंदिर मौजूद है। यहां हाथीनमा पर्वत पर प्राचीन जय एकलिंग जी जैकल जी मंदिर स्थित है। इस पर्वत पर 15 फीट उंची हाथी की सफेद मूर्ति भी बनी हुई है। जहां सालाना हजारों सैलानी घूमने आते हैं। साथ ही दो सौ फीट ऊंचाई पर पर्वत की अधर गुफा में एक छोटा मंदिर मौजूद है, जो एकलिंग जी भगवान को समर्पित है।