Kudki Rajasthan: राजस्थान के पाली जिला का कुड़की गांव में भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त मीराबाई का जन्म हुआ था। इस गांव में आज भी मीराबाई से जुड़ी निशानियां देखने को मिलती हैं। पाली से लगभग 130 किमी दूर स्थित कुड़की गांव में 'मीरा कुड़की फोर्ट' भी बना हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि हिंदी साहित्य की महान कवयित्री मीराबाई का जन्म सन् 1556 में अक्षय तृतीया के मौके पर कुड़की गांव निवासी रतन सिंह के घर पर हुआ था। बचपन से ही वह भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन थी।
मीराबाई की भक्ति का साक्षी है यह गांव
जैतारण उपखंड का यह गांव आज भी मीराबाई की भक्ति का साक्षी है। गांव में स्थित प्राचीन में मीराबाई ने भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की थी। इस मंदिर में आज भी मीराबाई के वंशज भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कर रहे हैं। खास बात यह है कि गांव में बड़ी संख्या में तुलसी के पौधे मौजूद हैं। बताया जाता है कि यह पौधे अपने आप यहां उगते हैं। यह पौधे पूरे साल हरे भरे रहते हैं।
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गांव में मौजूद है कई निशानियां
ठाकुर पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने जानकारी दी कि गांव के महल में मीराबाई का जन्म हुआ था, लेकिन आज यह महल जर्जर हो चुका है। महल के सामने ही मीराबाई द्वारा बनवाया गया भगवान श्रीकृष्ण का प्राचीन मंदिर स्थित है। गांव में आज भी मीराबाई से जुड़ी निशानियां जैसे कमंडल, खड़ाऊ, रुद्राक्ष की मालाएं, शंख आदि मौजूद हैं।
भगवान श्रीकृष्ण की परम भक्त मीरा
बचपन में मीराबाई ने अपनी मां से गांव की एक बारात को देखकर पूजा था कि मेरा दूल्हा कौन है, इसपर उनकी माता ने उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की तरफ इशारा किया और कहा कि यही तेरा दूल्हा है, तभी से वे भगवान श्रीकृष्ण में लीन हो गई थी।