Jaipur Hanuman Temple: जयपुर में कई हनुमान मंदिर है, जिनको लेकर यहां के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इसके साथ ही लोगों की केवल हनुमान मंदिरों को लेकर ही नहीं बल्कि अन्य मंदिरों को लेकर भी अटूट विश्वास है। वहीं बता दें कि यहां के लोग इन मंदिरों में रोजाना दर्शन करने आते हैं। 

भक्तों से जब इन मंदिरों के बारे में पूछा गया कि वे रोजाना एक ही मंदिर में आकर थकते नहीं उनका मन भरता नहीं। इसके उत्तर में वे बताते है कि ये ऐसे मंदिर है, जिनमें कितनी भी बार आ जाएं मन भरता ही नहीं है। बार- बार दर्शन करने का मन करता है। वहीं बता दें कि जयपुर में जितने भी मंदिर मौजूद है, उनकी अपनी एक अलग और विशेष खासियत है।

विशेष उत्सवों पर चांदी की पोशाक

जयपुर में पहाड़ियों के बीच खोले के हनुमान मंदिर बना हुआ है, जिसमें 300 साल से प्राचीन शिला से स्वयंभू प्रकट्य हनुमानजी विराजमान है। यहां इस मंदिर में प्रत्येक मंगलवार और शनिवार और नवरात्रियों में सिंदूरी चोला को चढ़ाया जाता है।

बता दें कि 10 से 21 भक्तों का एक भक्तों ने साथ मिलकर एक साथ चोला चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही कुछ खास उत्सवों पर चांदी की पोशाक को पहनाया जाता है। जिसमें अन्नकूट महोत्सव और हनुमान जन्मोत्सव के साथ रामनवमी, मंदिर पाटोत्सव शामिल है। वहीं दीपावली से पहले आने वाली रूप चतुर्दशी के दिन भी खोले के हनुमानजी को चांदी की पोशाक धारण कराई जाती है। 

पोशाक की खासियत 

हनुमान जी को पहनाई जाने वाली इस पोशाक को चांदी से बनाया जाता है। वहीं स पोशाक को बनने में 5 साल का समय लगता है, उसके बाद ही बनकर तैयार होती है। बता दें कि इस चांदी की पोशाक को सेवा मंदिर ट्रस्ट परिवार के द्वारा ही चढ़ाई जाती है। जिसका वजन 21 किलो का होता है, जिसको विशेष उत्सवों पर पहनाया जाता है। इस पोशाक के साथ इस मंदिर की एक और खासियत है कि इस मंदिर में हनुमान मंदिर की गदा भी चांदी से निर्मित की गई है।

इसे भी पढ़े:- Janmashtami 2025: गुप्त वृंदावन धाम के दिव्य वस्त्र-श्रृंगार की खासियत, जानें कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी का पर्व