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Religious News: भगवान देवनारायण की जन्मस्थली मालासेरी में भगवान विष्णु के साथ उनके वाहन नीले घोड़े का जन्मोत्सव भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहां भक्त पैदल यात्रा करके भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं।

Religious News: राजस्थान एक ऐसा राज्य है जो अपनी रियासतों व प्राचीन मंदिरों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। आज इस लेख में हम भीलवाड़ा जिले के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भगवान के वाहन नीले घोड़े का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। देश-विदेश से यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। यहां भगवान के साथ उनके वाहन की भी पूजा की जाती हैं। यहां दो दिवसीय लक्की मेले का आयोजन भी किया जाता है। 

दूर हो जाते हैं सभी दुख दर्द 

यहां भक्त पैदल यात्रा करके भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं। माना जाता है कि यहां मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है, साथ ही भगवान के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी दुख दर्द मिट जाते हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भगवान श्री देवनारायण के दर्शन के लिए यहां आ चुके हैं। 

धूमधाम से मनाया जाता है जन्मोत्सव 

भगवान देवनारायण की जन्मस्थली मालासेरी में सालाना भादवी छठ के मौके पर भगवान के वाहन नीले घोड़े का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान भजन संध्या के अलावा लक्की मेले का आयोजन किया जाता है। साथ ही डीजे व ढोल नगाड़ों पर भक्त पैदल यात्रा करके दूर-दराज से यहां पहुंचते हैं। 

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यहां से जुड़ी अनूठी मान्यता

मालासेरी मंदिर के मुख्य पुजारी हेमराज पोसवाल ने बताया कि माता साडू को भगवान विष्णु ने आशीर्वाद दिया था कि बगड़ावतों का युद्ध खत्म होने पर वह मालसेरी डूंगरी में उनके पुत्र के रूप में अवतार लेंगे, तब माता ने कहा था कि मुझे कैसे पता चलेगा कि आप ही अवतार लेकर आए हैं, तो इसपर भगवान ने कहा कि भादवी छठ के दिन मालसेरी डूंगरी पर स्थित एक पत्थर को चीरकर देखना मेरे वाहन नीलाघर घोड़े के रूप में प्रकट होगा। जिसके बाद भगवान ने माता के बेटे के रूप में जन्म लिया और साथ पहाड़ पर भगवान के वाहन गरुड़ ने भी यहां नीले घोड़े के रूप में जन्म लिया था। यहां सैंकड़ों किमी पैदल चलकर भक्त भगवान के दर्शन करने यहां आते हैं।

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