2026 Prediction: इंग्लिश कैलेंडर के हिसाब से नया साल 1 जनवरी से शुरू होता है। लेकिन, हिंदू धर्म में नया साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। नया विक्रम संवत्सर 2083, 2026 में शुरू होगा।
ज्योतिष में, ग्रहों की चाल तय करती है कि हर साल नए साल का राजा और मंत्री कौन होगा। राजा और मंत्री का चुनाव पंचांग और ग्रहों की स्थिति के आधार पर होता है। नए साल के राजा और मंत्री बनने वाले दो ग्रहों का साल की घटनाओं, राजनीति, मौसम, अर्थव्यवस्था और सामाजिक हालात पर गहरा असर पड़ता है।
2026 के बारे में, ग्रहों की चाल बहुत ज़रूरी होगी, और इसीलिए ज्योतिषी इसे बदलाव का साल कह रहे हैं। पंचांग और ग्रहों की गणना के आधार पर, 2026 में ग्रहों का राजा बृहस्पति और मंत्री मंगल होगा। बृहस्पति के प्रभाव के कारण इस साल धार्मिक कार्यक्रम बढ़ेंगे। लेकिन, मंगल के प्रभाव से देशों के बीच तनाव, युद्ध और अशांति भी होगी।
बृहस्पति के राजा बनने का असर
2026 में बृहस्पति के राजा बनने से मंगल का गुस्सा कुछ हद तक बैलेंस हो जाएगा, और ज़िंदगी में स्पिरिचुअलिटी का असर मज़बूत होगा। एजुकेशन, धर्म और स्पिरिचुअलिटी बढ़ेगी। देश और दुनिया भर में धार्मिक यात्राएं और बड़े इवेंट्स होंगे। इंसाफ़, धार्मिक और सोशल रिफ़ॉर्म के मौके मिलेंगे। इकोनॉमिक रिफ़ॉर्म की तरफ़ धीरे-धीरे लेकिन लगातार प्रोग्रेस होगी। देश में पॉज़िटिविटी और भरोसा बढ़ेगा।
मंगल के मिनिस्टर बनने का असर
मंगल एक आग वाला ग्रह है। इसलिए, मंगल के मिनिस्टर बनने से 2026 में गुस्सा, हिम्मत और टकराव का माहौल बढ़ने का अंदाज़ा है। पूरे साल पॉलिटिकल उथल-पुथल और पावर में बड़े उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। देशों के बीच टेंशन, जंग और झगड़े बढ़ने की संभावना है। आग, एनर्जी, मिलिट्री और सिक्योरिटी से जुड़े सेक्टर में ग्रोथ दिखेगी। बहुत ज़्यादा गर्मी और सूखे से मौसम पर असर पड़ सकता है। दुनिया के कई हिस्सों में अचानक बुरी घटनाएं और उथल-पुथल होंगी।
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