White Musli Farming : राजस्थान के किसान भी अब खेती के लिए आधुनिक तकनीक और नई सोच का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसीलिए अब वो अपने खेतों में ऐसी चीजें उगा रहे हैं जिसके लिए जमीन भी कम लगे और मुनाफा बढ़िया हो। राज्य के टोंक जिले के किसान सफेद मूसली की खेती करके 2 बीघा से 12 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। दरअसल सफेद मूसली एक ऐसा पौधा होता है जिससे कई उपयोगी औषधियां बनाई जाती हैं। कैंसर, आर्थराइटिस, मधुमेह, नपुंसकता आदि बीमारियों की दवा बनाने में इस पौधे का उपयोग होता है। साथ ही स्तनपान कराने वाली महिलाओं और शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए भी ये पौधा बहुत फायदेमंद है।
डेढ़ लाख प्रति क्विंटल तक भाव
सफेद मूसली की खेती के लिए जून से जुलाई तक का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह फसल खासतौर पर बरसात के मौसम में अच्छी तरह पनपती है। यदि एक एकड़ भूमि पर इसकी खेती की जाए, तो किसान इससे करीब 20 से 24 लाख रुपये तक की आमदनी कर सकते हैं। इस प्रकार एक बीघा की खेती से 6 लाख लाख की पैदावार की जा सकती है। मार्केट में इसका भाव एक से डेढ़ लाख प्रति क्विंटल तक जाता है।
सिंचाई की सुविधा पर खेती निर्भर
अगर किसान के पास सिंचाई की अच्छी सुविधा उपलब्ध हो, तो सफेद मूसली की खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है। यह फसल लगभग 6 से 9 महीने में पूरी तरह पककर तैयार हो जाती है। इसके पौधे को सीधे जमीन से उखाड़ा जाता है। किसान एक एकड़ में 80 हजार पौधे लगा सकते हैं। मूसली की पैदावार से किसान बहुत अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
सरकारी अनुदान भी मिलता है
सफेद मूसली की खेती करने वालों को सरकारी अनुदान भी मिलता है। इस संबंध में किसान जिला उद्यान कार्यालय से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसकी खेती के लिए दोमट, रेतीली या लाल मिट्टी सबसे अच्छी होती है। ऐसी जमीन मूसली की खेती के लिए उपयुक्त होती है। इसके लिए खेत में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। ज्यादा पानी पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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