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Virpuri Mela: राजस्थान के मंडोर क्षेत्र में वीरपुरी मेले का आयोजन किया जाता था। इसे वीर शहीदों की याद में आयोजित किया जाता था। पिछले एक दशक पहले इस परंपरा को बंद कर दिया गया।

Virpuri Mela: राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र के मंडोर में पिछले एक दशक तक वीर शहीदों की याद में वीरपुरी मेले का आयोजन किया जाता था। लेकिन समय के साथ यह परंपरा इतिहास के पन्नों में दफन हो गई। इस मेले का मुख्य उद्देश्य मारवाड़ के उन सपूतों को याद करना होता था जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राण निछावर कर दिए। बता दें कि यह मेला सावन के महीने में हर साल आयोजित किया जाता था। मारवाड़ की राजधानी मंडोर पर कई वंशों ने राज किया। इस दौरान क्षेत्र पर कई मुगल शासकों ने आक्रमण भी किए थे। 

इन शहीदों की याद में लगता था मेला 

इस मेले को रामदेव जी, गोगादेवजी चौहान, पाबूजी राठौड़, हड़बूजी और मेहाजी मांगलिया की याद में हर साल आयोजित किया जाता था। इससे लोगों को इन वीर शहीदों के योगदान के बारे में पता चलता था। मारवाड़ के तत्कालीन राजा अजीत सिंह द्वारा एक विशाल चट्टान पर इन वीरों की मूर्तियां स्थापित कराई गई थी, जिन्हें ‘वीरों के दालान’ के नाम से जाना जाता हैं। यहां कई लोक देवताओं की मूर्तियां भी उत्कीर्ण करवाई गई हैं। 

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इस कारण से लुप्त हो गया मेला 

जानकारी के मुताबिक हर साल सावन के माह में मंडोर उद्यान में इस मेले का आयोजन किया जाता था। इस दौरान सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ लगना शुरू हो जाती थी। प्रशासनिक सुविधाएं न होने से लोगों का मोह मेले के प्रति कम होने लगा। वहीं कुछ साल पहले तक रेल प्रशासन की ओर से इस मेले के लिए विशेष ट्रेन का भी संचालन किया जाता था, लेकिन लोगों की संख्या में कमी आने से इसे भी बंद कर दिया गया। आर्थिक तंगी व प्रशासन की उदासीनता के चलते यह मेला समय के साथ लुप्त हो गया। इसके अलावा क्षेत्र में लगने वाला नागपंचमी मेला भी अब बंद कर दिया गया है।

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