Rajasthan News: निर्वाचन आयोग की ओर से यह पुष्टि की गई है कि बिहार की तरह राजस्थान में भी गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम यानी एसआईआर प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, हालांकि तिथि की घोषणा अभी नहीं की गई है। इसके तहत मतदाता बनने या राज्य के बाहर से आने वाले आवेदकों को एक श्रेणी के लिए अतिरिक्त घोषणा पत्र पेश किया जाएगा।
देना होगा शपथ पत्र
गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदाओं को अपना शपथ पत्र देकर यह साबित करना होगा कि उनका जन्म एक जुलाई 1987 से लेकर दिसंबर 2004 तक भारत के बीच में हुआ है। जन्म तिथि जन्म स्थान साबित करने वाला दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। कुछ श्रेणी में तो माता-पिता के जन्मस्थान के पेपर भी पेश करने होंगे।
बिहार में शुरू हुआ विवाद
इस कानून के बाग बिहार में विवाद शुरू हो गया है। मतदाता सूचियों की सफाई को लेकर विपक्ष ने इसे एनआरसी लागू करने जैसा बताया है। इसको लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, टीएमसी सांसद सागरिका घोष और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में सुधार करने पर सवाल उठाए हैं।
माता पिता भारतीय नागरिक नहीं तो लगेगा वीजा पासपोर्ट
जानकारी के लिए बता दें कि एसआईआर के तहत यदि किसी के माता या पिता में से कोई भारतीय नागरिक नहीं हैं तो ऐसे में उनका पासपोर्ट व वीजा लेगेगा। बिहार के बाद अब इसे राजस्थान सरकार द्वारा भी प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके तहत चुनाव आयोग हर वोटर के घर जाकर जानकारी इकट्ठा करेगा। आगामी एक साल में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव है, वहां भी इसे लागू करने की घोषणा की गई है।
यह दस्तावेज होंगे मान्य
बता दें कि मतदाताओं से दस दस्तावेज की मांग की गई है। इनमें जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मैट्रिक का सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, अन्य कोई भी पहचान पत्र केंद्रीय राज्य सरकार के नियमित कर्मचारी या पेंशन भोगियों को मिलने वाला पेंशन भुगतान आदेश, एक जुलाई 1987 से पहले जारी सरकारी संस्थान के द्वारा जारी दस्तावेज, राज्य सरकार की ओर से जारी मूल निवास प्रमाण पत्र, जमीन का प्रमाण पत्र, सरकार द्वारा जारी फैमिली रजिस्टर व सरकार द्वारा जारी वन अधिकार प्रमाण पत्र शामिल हैं।