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Rajasthan Education: राजस्थान में कृषि शिक्षा में छात्राओं का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। इसके पीछे मुख्य तीन कारण हैं। आइए जानते हैं पूरी जानकारी।

Rajasthan Education: जहां पहले छात्राएं यूनिवर्सिटी में आर्ट्स, कॉर्मस और साइंस जैसे सब्जेक्ट में एडमिशन लेेती थीं। वहीं अब बेटियों की रूची कृषि और खेती के विषय में रूची बढ़ रही है, जिससे आने वाले समय में अच्छा बदलाव देखने को मिल सकता है। वहीं इसके पीछे का कारण सरकार की योजनाएं, प्रोत्साहन योजना और बेहतर करियर विकल्प और नवाचार माना जा रहा है।

वहीं पिछले 5 सालों में कॉलेजेस में छात्राओं की संख्या दोगुनी देखने को मिल रही है। 2021-22 में इस सब्जेक्ट में राजस्थान में केवल 336 छात्राएं थी। वहीं 2024-25 में ये संख्या 765 हुई। वहीं अब इस साल 2025-26 में छात्रों की संख्या 800 से ऊपर हो गई है। सरकार ने इन 5 सालों में कुल 387.7 करोड रुपए छात्रवृत्ति दी है। इसके साथ ही आपको बताते चलें कि यूनिवर्सिटी में रिसर्च और गोल्ड मेडल जीतने वाली बेटियों की संख्या भी बेटों से ज्यादा है।

बेटियों के कृषि और खेती जैसे विषय में आगे बढ़ने और अपना रुझान बढ़ाने के पीछे के तीन कारण हैं। पहला कारण है प्रोत्साहन राशि। राजस्थान में कृषि ऐसा विषय है जिसमें हर छात्रों को प्रोत्साहन राशि मिलती है। वहीं कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक आदेश कुमार शर्मा ने बताया कि इसमें दसवीं और बारहवीं के छात्रों को ₹15000 दिए जाते हैं। वही ग्रेजुएशन में 25000 और पीएचडी में ₹40000 बेटियों को दिए जाते हैं। दूसरा कारण है करियर विकल्प।

कुछ सालों में कृषि से जुड़े स्टार्टअप और नए जॉब विकल्प सामने आए हैं। ऐसे में फील्ड वर्कर बैंक के रिसर्च प्रोजेक्ट में कृषि विद्यार्थियों के लिए कई मौके बड़े हैं और  नौकरी आसानी से मिल रही है। तीसरा कारण है स्कूल में कृषि संकाय। पहले जिला मुख्यालय में कुछ ही सीनियर स्कूल में कृषि फैकल्टी होती थी जो अब राज्य में डेढ़ सौ से ज्यादा स्कूलों में कृषि संकाय हो गई है। कोटा जिले की बात करें तो एक दर्जन से ज्यादा कृषि संकाय वाले विद्यालय हैं।

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