Jhalawar Railway: भारतीय रेलवे द्वारा झालावाड़ उज्जैन के बीच नए रेलवे ट्रैक को हरी झंडी दिखाई दी गई है। इसके लिए विभाग की ओर से एलाइमेंट मंजूर हो चुका है व भौगोलिक सर्वे का काम अंतिम चरण में है। इसके लिए जल्द रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी।
36 किमी कम हो जाएगी दूरी
बता दें कि नया ट्रैक बिछने के बाद कोटा से उज्जैन की दूरी लगभग 36 किमी कम हो जाएगी। फिलहाल रामगंजमंडी से होते हुए झालावाड़ तक रेलवे लाइन हो। इसके आगे सड़क मार्ग की दूरी लगभग 300 किलोमीटर है।
रेल मंत्रालय ने जारी किया बजट
इस संबंध में सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने जानकारी दी कि झालावाड़ उज्जैन नई रेल लाइन परियोजना के लिए रेल मंत्रालय ने डीपीआर तैयार करने के लिए कुल चार करोड़ रुपए का बजट जारी किया है।
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गौरतलब है कि रामगंजमंडी भोपाल बड़ी रेल लाइन परियोजना में रामगंजमंडी से झालावाड़ तक लाइन पहले से है। कोटा से झालावाड़ तक ट्रैक पर मेमो समेत अन्य ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
यात्रियों को मिलेगा लाभ
झालावाड़ से उज्जैन के बीच नई लाइन बन जाने के बाद यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा। भौगोलिक सर्वे से यह तय किया जाएगा कि स्टेशन कहां बनाया जाएगा और कहां यार्ड व अतिरिक्त लाइन का निर्माण किया जाएगा। इससे उज्जैन महाकाल के दर्शन करने पहुंचे यात्रियों को इस रेलमार्ग से काफी फायदा होगा। जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल कोटा से नागदा होकर उज्जैन की दूरी लगभग 300 किलोमीटर है। वहीं झालावाड़ रूट से यह दूरी करीब 250 किलोमीटर रहेगी।
महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचते है हजारों भक्त
उज्जैन को धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है। यहां महाकाल के दर्शन के लिए हाड़ौती से हजारों भक्त भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ज्यादातर झालावाड़ और आसपास के क्षेत्रों के यात्री सड़क मार्ग से ही उज्जैन पहुंचते हैं। पहले रामगंजमंडी से झालावाड़ का रेल मार्ग नहीं जुड़ा हुआ था। रामगंजमंडी भोपाल बड़ी रेल लाइन परियोजना से झालावाड़ के यात्री भी रेल मार्ग से उज्जैन पहुंच सकेंगे।