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Illegal Mining In Kishanganj : किशनगंज के तोलाराम सहरिया को धोखे में रखकर खनन माफियाओं ने करीब दस करोड़ के कीमती पत्थरों का अवैध खनन किया।

Rajasthan News: किशनगंज में सहरिया तोलाराम की जमीन पर अवैध खनन माफिया ने किया खेला – खनन माफिया किशनगंज में तोलाराम सहरिया की पांच बीघा जमीन पर पट्टा कराने के नाम पर पिछले तीन सालों से अवैध खनन का काम करते रहे हैं। अंदाज़ा है कि इस दौरान उन्होंने यहां पर कम से कम दस करोड़ के कीमती पत्थरों का अवैध खनन किया। मीडिया की पड़ताल में पता चला कि तोलाराम की इस जमीन पर जनवरी, 2021 में खनन का काम करने के लिए खनिज विभाग में सर्वे के लिए आवेदन किया गया था, पर सीमांकन का कार्य न हो पाने से इसे निरस्त कर दिया गया।

सहरिया तोलाराम को धोखे में रखा खनन माफिया ने 

इस मामले में दीगोदपार के निवासी सहारिया तोलाराम पिछले पांच सालों से लकवाग्रस्त हैं। वे चल फिर नहीं सकते। उनके पुत्र नीतेश ने मीडिया को बताया कि न तो उनकी खनन कार्य का पट्टा लेने की हैसियत है, और न ही उन्होंने इसके लिए कभी कोई आवेदन ही किया। इसके बावजूद खनिज विभाग की ओर से सीमांकन में सहयोग करने के लिए नोटिस आई, जिसका उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। जिसके चलते विभाग की ओर से 10 मई 2022 को अंतिम अल्टीमेटम दिया गया; और आखिरकार 4 जून 2024 को खनन पट्टे का वह आवेदन निरस्त कर दिया गया। 

किशनगंज में खनन माफियाओं का रसूख 

वहीं, तोलाराम का कहना है कि जिन लोगों ने चार-पांच साल पहले उसे यकीन में लेकर कुछ लिखा-पढ़ी कराई थी, वे ही अब तक आठ-दस करोड़ का अवैध खनन कर गये। इस मसले में, जब किशनगंज के सहरिया तोलाराम को वस्तुस्थिति का अंदाजा हुआ, तो उसने भू-खनन माफियाओं के नाम पुलिस में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। जिनके नाम हैं – घनश्याम, गिरीश, प्रदीप, चितरंजन, गोपी, शरद और हुसैन।पर पुलिस जांच डेढ़ साल से रेंग रही है, और नतीजा सिफर है। कहा जाता है कि इनकी पहुंच ‘ऊपर’ तक है, इसीलिए पुलिस इन खुलेआम घूमते खनन माफियाओं पर हाथ डालने में हिचकती है। पर क्या ये सही है!

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