rajasthanone Logo
Pushkar Sarovar: पुष्कर सरोवर में मछलियों की काफी मृत्यु हो रही थी। लेकिन जब से घाटों में जुगाड़ का फव्वारा लगाया गया है मछलियों की मृत्यु दर में 80% की कमी आई है। आईए जानते हैं इससे जुड़ी हुई सभी बातें।

Pushkar Sarovar: पुष्कर सरोवर में हर रोज मछलियों की मृत्यु होने की खबर सामने आ रही थी, लेकिन लगातार पढ़ रही गर्मी के बावजूद इस साल मछलियों की मृत्यु दर में काफी कमी आई है। दरअसल इसका श्रेय स्थानीय प्रशासन को जाता है।जिन्होंने कई  नवाचारों का इस्तेमाल करके इस परेशानी से छुटकारा पाया है। दरअसल मृत्यु का कारण ऑक्सीजन की कमी और तापमान बढ़ना था। जिससे हर रोज कम से कम 100 से 150 मृत्यु हो रही थी। मछलियों के मरने के बाद घाटों पर दुर्गंध फैल जाती थी। जिससे तीर्थ यात्री और पुजारी काफी परेशान होते थे। 

फव्वारे बने जीवन रक्षक 

इस समस्या से निजात पाने के लिए पुष्कर नगर परिषद में सरोवर के कुछ प्रमुख घाटों पर जुगाड़ शैली के फव्वारे लगाए थे। यह घाट ब्रह्मा घाट, यज्ञ घाट, गणगौर घाट, झूलेलाल घाट और वराह घाट थे। इन घाटों पर चार लाख का निवेश करके फव्वारे लगाए गए थे। फव्वारों को लगाने के बाद झील के पानी में ऑक्सीजन का स्तर बना और मछलियों की मृत्यु दर घटकर केवल 15 से 20 रह गई।

विस्तार की मांग 

हालांकि इन फव्वारों का परिणाम अच्छा आया है लेकिन अभी भी प्रशासन को लंबा रास्ता तय करना है। दरअसल पुष्कर सरोवर में 52 घाट है लेकिन फिलहाल केवल पांच ही काम कर रहे हैं। शुरुआत में यह संख्या सात की थी लेकिन मानसून के बाद की स्थितियों के कारण दो को हटा दिया गया है। स्थानीय पुजारी समुदाय द्वारा अधिकारियों से सभी घाटों पर फव्वारे लगाने का आग्रह किया जा रहा है।

सुरक्षा करना एक पवित्र कर्तव्य 

पुष्कर सरोवर मात्र एक जल निकाय ही नहीं है बल्कि यह काफी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। यहां की स्वच्छता और पारिस्थितिक संतुलन को सुनिश्चित करना सिर्फ पर्यावरण को ही फायदा नहीं पहुंचाएगा बल्कि आध्यात्मिकता को भी बढ़ावा देगा ‌।
यह भी पढ़ें- राजस्थान की महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी: 31 मई को सीएम भजनलाल करेंगे सौगातों की बारिश, जारी किए दिशा-निर्देश

5379487