Krishi Upaj Mandi: राजस्थान में कृषि कमोडिटी बाजारों में एक बार फिर से उतार-चढ़ाव देखने को मिलने वाला है। दरअसल ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद सरसों की कीमतों में भारी उछाल आने वाला है। कृषि उपज मंडी के एक अनुभवी व्यापारी विजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में उछाल आ सकता है। इस भू राजनीतिक स्थिरता की वजह से वैश्विक तेल आपूर्ति श्रृंखला काफी ज्यादा बाधित हुई है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आयातित तेलों की उपलब्धता और सामर्थ्य में कमी भी हुई है।
घरेलू सरसों तेल की मांग में वृद्धि
आयातित तेलों की बढ़ती लागत और मांग में घटित की वजह से सरसों तेल जैसे घरेलू रूप से उत्पादित तेलों में लोगों की रुचि बढ़ रही है। अब इसका सीधा असर सरसों के बीज की कीमतों पर पड़ेगा। अग्रवाल कहते हैं कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी जिससे स्थानीय मंडियों में सरसों की कीमतों में तेजी आने की संभावना है। फिलहाल मस्टर्ड 5800 से 6500 प्रति क्विंटल के बीच चल रही है। व्यापारियों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में और ज्यादा तेजी आएगी।
ग्वार की कीमतें स्थिर रह सकती हैं
जिस और बढ़ती मांग के बीच सरसों की कीमतों में उछाल आने की संभावना है वह ज्यादा महंगा होने की वजह से ग्वार की कीमतें स्थिर ही रहेगी। फिलहाल इसकी कीमत 4100 से लेकर 4600 प्रति क्विंटल के बीच चल रही है।
गेहूं और बाजरा की कीमत
गेहूं, जौं और बाजरा भी कीमत के मामले में स्थिर ही रहेगा। फिलहाल गेहूं 2465 से लेकर 2590 प्रति क्विंटल के बीच का कारोबार कर रहा है। जौं की कीमत 2200 और 2300 के बीच स्थित है। बाजरा भी 2100 से लेकर 2325 प्रति क्विंटल के बीच का कारोबार कर रहा है। बाजार एक्सपर्ट के मुताबिक इनकी कीमतों में कोई भी बदलाव आने की उम्मीद नहीं है।
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