Ban Removed From Camel Export: राजस्थान के ऊंट पलकों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी आई है। 11 साल बाद राजस्थान सरकार ने ऊंट निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया है। ऐसे में अब ऊंट को राजस्थान से बाहर भी काम के संबंध में निर्यात किया जा सकेगा। बता दें कि 11 साल पहले बीजेपी सरकार में ही मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे की सत्ता के दौरान ऊंट की घटती आबादी को देखते हुए और ऊंटों की दी जा रही बली को रोकने के लिए ऊंट को राज्य पशु घोषित किया था और उसकी निर्यात पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया था।
'ऊंटों की संख्या में नहीं आनी चाहिए कमी'
अब भजनलाल की सरकार ने ऊंट के दूसरे राज्यों में निर्यात करने से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। हालांकि सरकार ने ऊंट पालकों से यह भी आश्वासन लिया है कि ऊंट की संख्या में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। इसके अलावा भी सरकार ने कुछ नई शर्तें जोड़ी है और उसके आधार पर ऊंट निर्यात से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है।
ऊंटों की बलि देने पर 7 साल की जेल
अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे पर ₹25000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा। वध निषेध और अस्थाई प्रवास के निर्यात विनियम अधिनियम 2015 के तहत अगर कोई ऊंट को मारता है, तो उसे 7 साल की सजा मिलेगी। अवैध परिवहन तस्करी पर 6 महीने से 3 साल की सजा मिलेगी, या फिर 3000 से ₹25000 तक का जुर्माना देना होगा।
उद्योग परियोजना के लिए ऊंटों का निर्यात
सरकार के फैसले से ऊंट पलकों में खुशी की लहर दौड़ उठी है। क्योंकि इससे उसका व्यापार काफी प्रभावित हो रहा था। अब सरकार ने यह तय किया है कि उद्योग के प्रयोजन के लिए ऊंट को राज्य से बाहर निर्यात करना संभव हो सकेगा। सक्षम अधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंप गई है कि वह ऊंट की संख्या के वास्तविक रूप का अवश्य ध्यान रखें कि उसमें कोई कमी ना आ पाए।
पशु मेले में भी का सकेंगे राजस्थान के ऊंट
वहीं राज्यों में निर्यात के परियोजनाओं के लिए ऊंट के अस्थाई प्रवचन पर सरकार से परमिशन लेना होगा। देश भर के कई स्थानों पर जो पशु मेले लगते हैं, उसमें भी ऊंट को राज्य से बाहर ले जाया जा सकेगा। हालांकि इसके लिए परमिशन लेने की जरूरत होगी और फिर निश्चित समय तक ऊंट को राज्य में वापस भी लाना होगा।