Hellish Condition: भरतपुर जिले के गांव बराखुर में पिछले 5 साल से ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। इसके साथ ही जाता बस्ती के हालात तो इससे भी ज्यादा बदलते रहे हैं। गांव में जहां एक तरफ आने-जाने का रास्ता नहीं है। वहीं जाटव बस्ती के लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। क्योंकि जाटव बस्ती के रास्तों पर जलभराव भी हो रहा है जिसके चलते कीड़े मकोड़े पनपने का डर रहता है और मौसमी बीमारियों का भी प्रकोप है। जाटव बस्ती के लोगों ने कहा कि कई बार सरपंच से शिकायत कर ली लेकिन सरपंच ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। जाता बस्ती के लोगों का कहना है कि हमारी महिलाएं पीने का पानी भी नहीं ला सकती हैं। इतनी बुरी हालत है कि आए दिन चोट लगने या किसी घटना होने का डर रहता है। यदि मोहल्ले में कोई बीमारी हो जाए तो उसे ले जाना भी आसान नहीं रहता है।
जाटव मोहल्ले की समस्या को देखते हुए नवरत्न नामक युवक ने उनकी समस्या का समाधान करने का जिम्मा उठाया। युवक नवरत्न जाता बस्ती के लिए भामाशाह बनकर उभरा और अपने स्तर पर ही मोहर्रम डलवाना शुरू किया है। जिस पर जाटवबस्ती के लोगों ने उसका आभार व्यक्त किया और कहा कि पिछले 5 सालों से हम सरपंच से अपनी समस्या के समाधान की मांग कर रहे थे लेकिन सरपंच ने हमारी समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। हमारे लिए तो बस आगे भामाशाह बनकर कोई आया तो वह नवरत्न है जिसने हमारी समस्या को अपनी समस्या समझा और मोरंग डलवाना शुरू किया है।
वहीं भामाशाह नवरत्न का कहना है कि न सरपंच और न प्रशासन किसी ने इनकी नहीं सुनी। उनकी समस्या को देखते हुए मैंने जुम्मा उठाया और मोरंग डलवाने का काम शुरू किया है। क्योंकि अगर बस्ती में कोई बुजुर्ग बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल तक भी नहीं ले जा सकते हैं इतनी बुरी हालत है। वही बहन बेटियां जब पानी को जाती है तो वह गिरकर चोटिल हो जाती है। नवरत्न ने कहा कि उनकी समस्या का समाधान करना ही उसकी प्राथमिकता है।