Alwar Mandi Update: अलवर जिले की मंडियों का इस साल बहुत बुरा हाल है। ऐसे में किसानों का कहना है कि उन्हें प्याज की फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। वहीं कई किसानों में ऐसे में केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सोपा और मांग की है, कि प्याज पर एमएसपी लागू किया जाए। ऐसे में उन्हें कम से कम अपनी मेहनत का मूल्य मिल सके। वहीं किसानों ने बताया कि पिछले साल प्याज के भाव 1400 से 1500 रुपए प्रति क्विंटिल थे। प्याज की फसल की लागत ही ₹600 मण आती है, जबकि इस साल हालात पूरी तरह उल्टी है।
मंडियों में प्याज के भाव पिछले साल की तुलना में तीन गुना कम हो गए हैं। कई जगह पर प्याज 600 से ₹700 प्रति में बिक रहा है। वहीं कुछ किसानों ने कहा कि कई बार 500 प्रति मण से भी कम कीमत मिली है। प्याज की फसल की बुवाई में ₹2500 प्याज का गाड़ी ₹2500 रुपये प्रति क्विंटल तक चला गया था। लेकिन इस बार कीमत 200 से 480 रुपये प्रति क्विंटल तक ही रही। ऐसे में किस को इस बार आर्थिक नुकसान काफी ज्यादा हो रहा है। वहीं बीते दिन शुक्रवार की बात करें तो 42000 मण प्याज की आवक हुई। जिसमें से ज्यादा अलग होने से और मांग कम होने की वजह से थोक बाजार में प्याज केवल 2 रुुए से ₹12 प्रति किलो भाव में ही दिखा।
वहीं किसानों ने बताया कि बारिश की वजह से प्याज में दाग लग गया है, जिस वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मंडी व्यापारियों ने बताया कि पिछले साल प्याज का भाव प्याज का भाव ₹2500 प्रति क्विटिल तक था। इस साल कीमत केवल 200 से 480 रुपए प्रति किलो है। ऐसे में किसानों को काफी ज्यादा परेशानी हो रही है वहीं कुछ किसानों को अपनी फसल बेचने के बाद का लौटते समय भारी नुकसान का बोझ लेकर जा रहे हैं।
ऐसे में किसानों ने सरकार से मांग की है की प्याज पर समर्थन मूल्य तय किया जाए। मंडियों मे प्याज स्टोर करने की सुविधा दी जाए किसानों को राहत देने के लिए जल्द ही कुछ कदम उठाए जाएं।