North Western Railway: ट्रेन सुरक्षा और परिचालन की दक्षता को बढ़ाने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने रेलवे स्टेशनों के पास होम सिग्नल के बारे में लोको पायलट को सचेत करने के लिए एक बहुत ही बड़ा कदम उठाया है। दरअसल अब होम सिग्नल से ठीक पहले वाले सिग्नल पर बोर्ड लगाया जाएगा। इस पहल की शुरुआत जयपुर डिविजन के जगतपुरा स्टेशन पर की जाएगी। आईए जानते हैं पूरी जानकारी।
सुरक्षित संचालन के लिए होम सिग्नल की अग्रिम चेतावनी
दरअसल होम सिग्नल होता है जो यह संकेत देता है की ट्रेन स्टेशन के यार्ड में प्रवेश कर सकती है या उसे रुकना चाहिए। कभी-कभी लोको पायलटो द्वारा इस सिग्नल को पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है। खासकर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग सिस्टम के तहत। प्रणाली में हर एक किलोमीटर के अंतराल पर ऑटो सिग्नल दिए जाते हैं। क्योंकि सिग्नल काफी ज्यादा निकट होता है इस वजह से समय पर होम सिग्नल को पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है।
किसी चीज का संबंध करने के लिए एनडब्यूआर ने होम सिग्नल से पहले सिग्नल पर एक बोर्ड लगना शुरू किया है। इसे इनर डिस्टेंस सिग्नल के रूप में जाना जाता है। इस बोर्ड से लोको पायलट को यह पता चलेगा कि आने वाला सिग्नल होम सिग्नल है। इसके बाद वे समय पर ट्रेन को धीमा कर पाएंगे और सुरक्षित रूप से स्टेशन यार्ड में प्रवेश कर पाएंगे।
जगतपुरा स्टेशन पर प्रशिक्षण कार्यान्वयन
पहला बोर्ड जगतपुरा के स्टेशन पर लगाया गया है। प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में सेटिंग कमेटी ने सिग्नल इंस्पेक्टर, लोको इंस्पेक्टर और लोको पायलट को फुट फ्लैट निरीक्षण के जरिए से राज के संचालन के दौरान इस बदलाव का निरीक्षण करने का आदेश दिया है। 1 महीने के अंदर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अगर यह प्रशिक्षण सफल होता है तो नया सुरक्षा तंत्र नेटवर्क अलग-अलग जगह में विस्तारित किया जाएगा।
रेलवे नेटवर्क का 174 किलोमीटर तक विस्तार
ट्रेन संचालन विशेषज्ञ विभाग पांडे के मुताबिक यह है नवाचार 174 किलोमीटर के खंड में पेश किया जाएगा। इसमें शामिल हैं:
अजमेर से साखून
भावसा से कनोता
रतनगढ़ से मौलीसर
स्मार्ट रेल सुरक्षा में एक और कदम
उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा सिग्नल के स्पष्ट में सुधार करने का यह निर्णय रेलवे संचालक को आधुनिक बनाएगा। साथ ही ट्रेनों की संख्या में भी वृद्धि होगी और गति और सुरक्षा में भी बढ़ोतरी होगी।
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