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Prahlad Gunjal : मृत संवेदनाएं की सरकार से न्याय की ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। सरकार की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है राजस्थान की जनता पट्टी खुलेगी।

Prahlad Gunjal : राजस्थान विधानसभा के पूर्व सदस्य प्रहलाद गुंजल ने काफी लंबे समय के बाद आईसीयू में भर्ती नरेश मीना से मुलाकात की है। प्रहलाद गुंजन ने बताया कि मैं नरेश मीना से मिलने इसलिए आया हूं क्योंकि एक व्यक्ति राजस्थान के आदिवासी लोगों के लिए 10 दिनों से लड़ाई लड़ रहा है लेकिन सरकार उसे वार्ता नहीं कर रही है। पूर्व मंत्री ने राजस्थान वन से खास बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने नरेश मीणा को सलाह दिया कि मृत संवेदनाएं की सरकार से न्याय की ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। सरकार की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है राजस्थान की जनता पट्टी खुलेगी। 

राष्ट्रीय दल से जुड़कर जनता की सेवा ज्यादा प्रभावी तरीके से कर सकते हैं

राजस्थान की राजनीति हालात और परिस्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय राजनीतिक दल के साथ मिलकर काम करना चाहिए। इनके साथ जुड़कर हम ज्यादा सेवा कर सकते हैं। अगर दल की सरकार आती है और हम विरोध में रहते हैं हमारे पास संगठन दल ताकत और विचार है।

भजनलाल सरकार को बताया अंग्रेजों से भी खराब

प्रहलाद गुंजल ने भजनलाल सरकार को कहा कि यहां अंग्रेजों से भी ज्यादा खराब सरकार है। आज तक कोई वार्ता के लिए नहीं आया। सरकार बेपरवाह है लापरवाह है सत्ता के नशे में चूर है और आंखों पर काली पट्टी बंधी हुई है। इसलिए मैंने बहुत प्रेम से नरेश मीणा को समझाएं की जीत से जीवन के साथ खिलवाड़ ना करें।

क्या नरेश मीणा की कांग्रेस में वापसी होगी? 

प्रहलाद गुंजल ने बताया कि मैं कांग्रेस से नरेश मीणा की टिकट के लिए पर भी की थी। जेल से निकलने के बाद उन्होंने स्वतंत्र होकर राजनीति करने का फैसला लिया। आगे पहलाद गुंजल ने बताया कि मैं चाहता हूं कि नरेश मीणा आगे चलकर मुख्य धारा के साथ जुड़कर काम करें। और समाज के विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि नरेश में नेतृत्व की क्षमता है और वे युवाओं के बीच लोकप्रिय चेहरा हैं। अगर वह सकारात्मक राजनीति करेंगे तो आने वाले समय में जनता का भरोसा भी जीत पाएंगे। 

धरने स्थल कर उठा के ले गई थी पुलिस

आपको बता दें कि झालावाड़ में हुए स्कूल हादसे को लेकर मृतकों के परिजनों को 50 50 लाख रुपए दिलाने की मांग को लेकर नरेश मीणा जयपुर के शहीद स्मारक पर पिछले कई दिनों से अनशन पर बैठे थे। जिन्हें धरने स्थल से उठाकर पुलिस ने एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया था। 

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