Farming Tips: मानसून का मौसम अभी भी जारी है और किसानों को यह सलाह दी जा रही है कि अगर बारिश का पूर्वानुमान है तो किसी भी प्रकार की फसल पर किसी भी तरह के रोग निरोधक छिड़काव से बचें। इसी बीच आपको बता दें कि यह अलग-अलग सब्जियों की बुवाई और खड़ी फसलों को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए निवारक उपाय करने का भी एक सही समय है।
मूली और गाजर की बुवाई
मूली की बुवाई के लिए पूसा चेतकी सबसे सही है। किसानों को प्रति हेक्टेयर 10 से 12 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। इसी के साथ पंक्तियों के बीच 30 से 40 सेंटीमीटर और पौधों से पौधों के बीच 8 से 10 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए। अच्छी उपज के लिए हर हेक्टेयर 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 48 किलोग्राम फास्फोरस और 48 किलोग्राम पोटेशियम डालें।
गाजर जिसकी सबसे अच्छी किस्म पूसा वरिष्ठ है, को मेड़ों पर बोना चाहिए। हर एकड़ 6 किलोग्राम बीज का इस्तेमाल करें और बुवाई से पहले उन्हें कैप्टान (2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज) से उपचारित करें। इसी के साथ खेत की तैयारी के दौरान अच्छी वृद्धि के लिए फास्फोरस उर्वरकों के साथ स्थानीय खाद्य का इस्तेमाल करें।
सब्जियों की रोपाई
आपको बता दें कि टमाटर, मिर्च, बैंगन, फूल गोभी और पत्ता गोभी की पौध को मेड़ों पर रोपना चाहिए। इससे बारिश का पानी जमा नहीं होगा।
मूंगफली और बाजार की फसल की देखभाल
इसी बीच मूंगफली की फसलों में सुइयां बनने से पहले निराई कर देनी चाहिए। झुमका कीट के संक्रमण की स्थिति में नुकसान से बचने के लिए पौधों की जड़ों पर मिट्टी चढ़ा देनी चाहिए। किसी के साथ बाजरे को एर्गोट रोग से बचाने के लिए जिनेब या फिर मैन्कोजेब का 3 दिन के अंतराल पर दो से तीन बार छिड़काव करना चाहिए।
अतिरिक्त फसल सुरक्षा सुझाव
बरसात की वजह से कद्दू वर्गीय सब्जियों की लताओं को सड़ने से बचाने के लिए चढ़ने की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। विषाणु जनित रोग से संक्रमित मिर्च के पौधे को उखाड़ कर जमीन में ही गाड़ दें। ज्यादा संक्रमण की स्थिति में आसमान के साफ होने पर इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें।
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