Huranga Festival: राजस्थान के भरतपुर शहर में होली के बाद धूम-धाम से हुरंगा उत्सव मनाया जाता है। बृज अंचल का ज्यादातर भाग भरतपुर के पास है। माना जाता हैं कि यहीं भगवान श्री कृष्ण ने बाल रूप में कई लीलाएं की हैं। इसी कारण से यूपी के मथुरा व वृंदावन के बाद भरतपुर के डीग में इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
बम नृत्य बनता है आकर्षण का केंद्र
इस पर्व की खास बात यह है कि इसमें गांव के लोगों द्वारा बंब पार्टियों के लोक कलाकारों को बुलाया जाता है। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम दिखाई जाते हैं। स्थानीय लोग अपने घरों की छतों पर चढ़कर इन कार्यक्रमों को देखते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार प्राचीन समय से यह परंपरा चलती आ रही है। इसका आनंद लेने के लिए दूर-दूर से लोग अपने परिवार के साथ आते हैं। कलाकारों द्वारा किए जाना वाला बंब नृत्य इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बनता है।
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सदियों से चलती आ रही इस परंपरा को लोगों ने आज भी जीवित रखा हुआ है। इस महोत्सव के दौरान विभिन्न शहरों व गांवों से लोग कार्यक्रम देखने आते हैं। बंब पार्टियों के कलाकारों द्वारा बंब की थाप पर लोकगायन भी पेश किया जाता है। साथ ही कलाकारों की ओर से अनोखे डांस दिखाए जाते हैं। इसमें सबसे ज्यादा लोग बंब नृत्य को देखने आते हैं, जिसमें कलाकार अपने सिर पर बंब या लकड़ी के पलंग को सिर पर रखकर डांस करता है। इस उत्सव में शहर के गणमान्य लोगों के साथ ही ग्रामीणों का भी सहयोग रहता है। इसे देखने के लिए कई लोग एक दिन पहले ही यहां आ जाते हैं।
राजस्थान का प्रमुख लोक नृत्य
बमरसिया राजस्थान के अलवर और भरतपुर क्षेत्र का प्रमुख लोक नृत्य है, इस अनोखे नृत्य में एक विशाल नगाड़े को बम कहा जाता है जिसे डांस करते करते बजाया जाता है। इस ज्यादातर खास पर्वों और शुभ कार्य के दौरान बजाया जाता है। इस पर्व के दौरान जिन क्षेत्रों में हुरंगा उत्सव आयोजित किया जाता है वहां पुलिस और सुरक्षा बल तैनात कर दिए जाते हैं।