Rajasthan Jobs: राजस्थान सरकार ने विशेष शिक्षा में डिप्लोमा धारक छात्रों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल अब इन डिप्लोमा धारक छात्रों को सरकारी स्कूलों में केयर अटेंडेंट के रूप में अस्थाई रोजगार दिया जाएगा। यह कदम समावेशी शिक्षा पहल के तहत उठाया गया है। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और राज्य भर में इस भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।
निर्धारित पारिश्रमिक के साथ अस्थाई रोजगार
यह भर्ती अस्थाई रूप से होगी और अभी तक इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि भविष्य में इन पदों को स्थाई किया जाएगा या फिर नहीं। चयनित केयर अटेंडेंट को 5590 का मासिक मानदेय दिया जाएगा। शुरुआत में यह नियुक्ति 10 महीने की अवधि के लिए होगी। नियुक्ति का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में विकलांग बच्चों की सहायता करना और उन्हें सहयोग प्रदान करना है।
चयन प्रक्रिया और पात्रता
चयन प्रधान प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के अध्यक्षता में गठित एक समिति द्वारा किया जाएगा। निर्देशों के मुताबिक आवेदकों की आयु 40 तक निर्धारित की गई है। इसमें आवेदन करने के लिए आवेदक को विशेष शिक्षा में डिप्लोमा धारक या भारतीय पुनर्वास परिषद में पंजीकृत उम्मीदवार होना चाहिए।
केयर अटेंडेंट की भूमिका
केयर अटेंडेंट को कक्षा के अंदर और बाहर विशेष रूप से बालिक छात्रों की सहायता करनी है। उनकी जिम्मेदारी दैनिक स्वच्छता और सफाई में सहायता करना, बच्चों को कक्षा में भाग लेने में मदद करना और उचित पोषण और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए मिड डे मील के दौरान उन्हें सपोर्ट करना है। इसी के साथ वें छात्रों को घर और स्कूल तथा कार्य स्थल के बीच आने-जाने में भी मदद करेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि वे आसपास के छात्रों में दिव्यांग बच्चों की भी पहचान करेंगे और उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाने में सहायता करेंगे।
सरकार के इस कदम के बाद समावेशी शिक्षा के रूप में एक महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहा है। साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि इस पहल के बाद सरकारी स्कूलों में दिव्यांग छात्रों को मिलने वाली सहायता भी बढ़ेगी और उनके नामांकन में भी वृद्धि होगी।