JLN Hospital: अजमेर जिले में स्थित जेएलएन अस्पताल में अब मरीजों का उपचार म्यूजिक थेरेपी से भी किया जाएगा। इसके लिए अस्पताल में लगभग 230 स्पीकर लगाए गए हैं। इन स्पीकर का उपयोग म्यूजिक थेरेपी के अलावा केंद्र व राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देने के लिए भी किया जाएगा।

इन स्पीकर के माध्यम से मरीज और अस्पताल आने वाले लोगों को अस्पताल में कौन सा ब्लॉक कहां है, किस बीमारी की जांच कहां पर होती है, किस बीमारी के लिए कहां पर किस चिकित्सक से मिलना है, किस चिकित्सक का ओपीडी किस दिन रहता है, आदि की जानकारी भी कुछ-कुछ देर में प्रकाशित होती रहेगी। 

230 स्पीकर में बजेगी धुन

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन दिनों जेएलएन में तेजी से कार्य किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन की ओर से कुल 160 स्पीकर मेडिसिन ब्लॉक में लगवाए गए हैं। वहीं गुरुवार को न्यू मेडिसिन ब्लॉक में स्पीकर लगाने के बाद इनकी टेस्टिंग की गई। इस दौरान सभी स्पीकर को एक साथ चालू किया गया।

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सुनाई गई भजनों की धुन

कंट्रोल रूम तीसरी मंजिल पर रखा गया है। ओपीडी के बाद आईपीडी शुरू होने पर इसे ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया जाएगा। टेस्टिंग के समय हर फ्लोर पर जाकर चेक किया गया कि हर कक्ष और छत तक आवाज आ रही है या नहीं। साउंड सिस्टम में भजनों की धुन सुनाई गई। इन स्पीकर पर धीमी आवाज में भजन और क्लासिकल गाने की धुन बजेगी। न्यू मेडिसिन ब्लॉक के बाद आपातकालीन यूनिट, ईएमयू ट्रोमा, कैजुअल्टी वार्ड, ओपीडी और पहली मंजिल पर 30 स्पीकर लगाए जाएंगे। शेष स्पीकर दूसरे ब्लॉक में लगेंगे। 

म्यूजिक थेरेपी का लाभ 

जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और मेडिसिन यूनिट के एचओडी डॉ. अनिल सामरिया और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित यादव ने जानकारी दी कि म्यूजिक थेरेपी मरीजों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। इससे टेंशन, अवसाद में राहत, स्ट्रेस में राहत मिलती है। साथ ही ध्यान में वृद्धि होती है। संगीत रक्तचाप को नियंत्रित करता है। दर्द में राहत और हृदय स्वास्थ्य में सुधार में सहायक है। बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर में सबसे अधिक मददगार साबित हो रहा है।