Rajasthan Swamitva Scheme: केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना ड्रोन सर्वेक्षण और जीआईएस आधारित मानचित्रण तकनीक के इस्तेमाल के जरिए ग्रामीण प्रशासन में एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही है। दरअसल राज्य में 35 हजार से ज्यादा गांवों का डिजिटल मानचित्र (डिजिटल मैपिंग) किया गया है। इससे भूमि स्वामित्व, सरकारी संपत्तियों और विकास परियोजनाओं का एक प्रामाणिक रिकॉर्ड तैयार हुआ है। आपको बता दें कि इसका उद्देश्य संपत्ति संबंधी धोखाधड़ी को समाप्त करना, विवादों का समाधान करना और सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाना है। 

पारदर्शिता और धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए डिजिटल मानचित्रण

आपको बता दें कि उच्च रिजॉल्यूशन मैपिंग के पूरा होने के बाद संपत्तियों के सटीक स्वामित्व और सीमाओं की पहचान की जा रही है। इस प्रक्रिया के बाद किसी के लिए भी नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके जमीन को बेचना या फिर उस पर कब्जा करना लगभग असंभव ही हो जाएगा। इसी के साथ इन संरचनाओं की जियो टैगिंग इस बात को भी सुनिश्चित करेगी कि पहले से निर्मित भवनों के लिए कोई भी डुप्लीकेट धनराशि आवंटित न हो। इतना ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत भूमि विवादों का अब तेजी से और अधिक सटीक रूप से निपटारा हो पाएगा। इसके बाद हेरफेर और धोखाधड़ी के दावों की गुंजाइश कम हो जाएगी।

राजस्थान भर में व्यापक कवरेज 

इस योजना को सभी जिलों में लागू करने में राज्य ने एक अच्छी खासी प्रगति की है। डिजिटल रूप से की गई मैपिंग वाले गांव की सबसे अधिक संख्या वाले प्रमुख जिलों में जयपुर (2050 गांव), भीलवाड़ा (1784 गांव), चित्तौड़गढ़ (1563 गांव), झालावाड़ (1459 गांव), उदयपुर (1492 गांव), और नागौर (1183 गांव) शामिल हैं। इसी के साथ अजमेर, भरतपुर, जोधपुर, पाली और टोंक ने 800 से 950 गांव के बीच मध्यम कवरेज को हासिल किया है। इसी बीच फलौदी (50), बालोतरा (138), और ब्यावर (301) मैं फिलहाल सबसे कम कवरेज है। 

ग्राम पंचायत और ग्रामीण विकास को डेवलप्ड बनाना 

स्वामित्व योजना का एक बड़ा उद्देश्य ग्राम पंचायत को आर्थिक रूप से मजबूत करना है और साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाना है। 5 सेंटीमीटर की सटीकता वाले उच्च रिजॉल्यूशन वाले डिजिटल मानचित्र स्कूलों, अस्पतालों, नालों, तालाबों और बाकी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए एक अच्छी योजना बनाने में मदद करेंगे। इतना ही नहीं बल्कि यह मानचित्र सटीक टैक्स निर्धारण को सक्षम करेंगे। इसके बाद पंचायत के लिए राजस्व संग्रह में भी सुधार होगा। 

योजना के भविष्य के लाभ 

स्वामित्व योजना के अंतर्गत बनाया गया है यह डिजिटल डेटाबेस राजस्थान के लिए कई बड़े लाभ लेकर आएगा। आपको बता दें कि यह डेटाबेस संपत्ति के लेनदेन में पूर्ण पारदर्शिता को सुनिश्चित करेगा, धोखाधड़ी वाली भूमि बिक्री को रोकेगा और साथ ही संपत्ति के स्वामित्व को लेकर विवादों को भी कम करने में मदद करेगा। इतना ही नहीं बल्कि यह विकास निधि के आवंटन को भी सुव्यवस्थित करेगा।

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